गोड्डा: कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कोरोना संकट की इस मुश्किल घड़ी में केंद्र सरकार पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ भेदभाव कर रही है. इसलिए राज्य से बाहर फंसे अपने छात्रों और लोगों को लाने के लिए राज्य सरकार कोर्ट जाए.
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव का बयान जरूरतमंदों के बीच तीन महीने का अग्रिम राशन उपलब्ध
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कोरोना के मुश्किल दौर में झारखंड के विपक्ष व केंद्र के सत्ताधारी भाजपा पर झारखंड के साथ भेद-भाव करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने लॉकडाउन से लेकर अब तक बेहतर काम किया है. राज्य से बाहर फंसे मजदूरों को उनके खाते में राशि डाली है, साथ ही राज्य के अंदर गरीब और असहाय लोगों को मुख्यमंत्री दीदी किचन के माध्यम से भोजन और जरूरतमंदों के बीच तीन महीने का अग्रिम राशन उपलब्ध करवाया है जो तारीफ-ए-काबिल है.
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बिना किसी तैयारी के ही देश में हुआ लॉकडाउन
विधायक ने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में भाजपा झारखंड के साथ भेदभाव कर रही है. पहले तो देश में सांप्रदायिक भावना भड़काने का प्रयास किया और अब राज्य के मजदूर और छात्र दूसरे राज्यों में फंसे हैं. उन्हें लाने की इजाजत भी नहीं देती है. जबकि अन्य राज्यों के साथ ऐसा नहीं किया जा रहा है. भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भाजपा झारखंड की आम जनता के हित के लिए काम करती तो वो भी उनका साथ देते, लेकिन बिना किसी तैयारी के ही देश में लॉकडाउन कर दिए, जिससे गरीब लोगों को ज्यादा परेशानी हो रहा है. उन्हें ऐसा ही करना चाहिए था.
राज्य सरकार को दिए तीन सुझाव
कांग्रेस विधायक ने कहा कि भाजपा को मध्य प्रदेश में सरकार बनाने और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मेजवानी करने की जल्दी थी. अगर वो लॉकडाउन समय से करते तो देश की हालात ऐसी नहीं होती. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को तीन सुझाव दिए. पहला राज्य सरकार वैसे मजदूरों की मदद का आह्वान करें, जिसका खाता अन्य शहरों का हो, लेकिन वे झारखंडी हो. दूसरा राज्य के बाहर फंसे छात्र-छात्राओं की वापसी हेतु केंद्र पर दवाब के साथ ही बैंकों की मनमानी पर रोक लगाए और तीसरा गरीबों के खाते में पैसे तो गए हैं, लेकिन उनके खाते होल्ड कर दिए गए है, जिसकी सुधार की जाए.