गिरिडीह: जिले के गावां में एक महिला की मौत ने पूरे व्यवस्था को हिला दिया. महिला की मौत के पीछे की वजह गांव का समुचित विकास नहीं होना बताया जा रहा है. मामला गावां प्रखंड मुख्यालय और डाबर गांव से जुड़ा है. दरअसल, गावां थाना क्षेत्र के डाबर में वज्रपात की घटना घटी. इस दौरान घर से कुछ दूरी पर दुर्गा मंदिर के पास बैठी 60 वर्षीय मसो सरस्वती देवी (पति स्व. वनबिहारी सिंह) वज्रपात की चपेट में आकर झुलस गईं और अचेत हो गईं.
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वज्रपात से झुलसी हुई महिला को अस्पताल ले जाने के लिए परिजन के साथ-साथ ग्रामीण परेशान हो गए. लोगों ने एंबुलेंस के लिए संपर्क किया लेकिन नदी में बाढ़ होने के कारण एंबुलेंस गांव नहीं पहुंच सका. ऐसे में लोगों ने महिला को खाट पर सुलाकर ग्रामीणों ने किसी तरह नदी को पार किया. लगभग चार किमी दूरी तय करने के बाद महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां जांच के बाद चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया.
नदी में पुल रहता तो नहीं होती यह स्थिति:सेरुआ पंचायत के मुखिया गुरु सहाय रविदास और पंचायत समिति सदस्य प्रदीप चौधरी ने बताया कि नदी पर पुल रहता और गांव की सड़क अच्छी रहती तो शायद एंबुलेंस भी पहुंचता और महिला बच भी सकती थी. उन्होंने बताया कि घटना के बाद महिला को खटिया पर लाया गया. नदी को पार करने में एक घंटा से अधिक समय लग गया. गांव से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी लगभग चार किमी है. ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने में देरी हुई और महिला ने दम तोड़ दिया.
बीडीओ ने कहा- पता करते हैं: इस विषय पर प्रखंड विकास पदाधिकारी महेंद्र रविदास से बात की गई. उन्होंने बताया कि वे बाहर हैं और उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वे इसकी जानकारी लेते हैं. उन्होंने बताया कि डाबर गांव जाने के लिए नदी पर पुल नहीं है.
महिला को खाट पर लाया गया था- सिविल सर्जन: इस विषय की जानकारी मिलने के बाद सिविल सर्जन एसपी मिश्रा ने गावां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया. इसके उपरांत उन्होंने बताया कि महिला को खाट पर टांग कर अस्पताल लाया गया था लेकिन महिला दम तोड़ चुकी थी. उन्होंने कहा कि गांव के पहले की नदी में पुल नहीं रहने के कारण एंबुलेंस नहीं जा सका था, बाद में लोग महिला को खाट पर लेकर आये थे.