गिरिडीहः सरिया के ठाकुरबाड़ी गांव के लोगों द्वारा पुलिस पर लगाए गए पिटाई के आरोपों की जांच सरिया-बगोदर के एसडीपीओ नौशाद आलम ने की है. नौशाद आलम के साथ सरिया के इंस्पेक्टर दिनेश सिंह भी गांव पहुंचे थे. यहां ग्रामीणों का बयान एसडीपीओ ने दर्ज किया. इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 5 जून की रात 9 बजे सरिया के ठाकुरबाड़ी टोला में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प की बात सामने आई थी. इसे लेकर ग्रामीणों ने एक आवेदन दिया था जिसके आलोक में जांच की गई है.
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महिला को बचाने पहुंची पुलिस के साथ की गई धक्का-मुक्की
एसडीपीओ ने कहा कि अभी तक के जांच में एक बात सामने में आई की एक आवेदिका ने बच्चों के झगड़े को लेकर थाना में आवेदन दिया था. जिसे थाना स्तर से सुलझा लिया गया था. इसके बाद आवेदिका को उसके घर पर भेज दिया गया था. इस बीच रात 8 बजे सरिया पुलिस को आवेदिका के बेटे ने खबर दी गई कि उसके घर को कई लोगों ने घेर लिया है. जिन लोगों ने घेरा है उनके हाथ में लाठी, तलवार है. खबर करनेवाले ने खुद की जान खतरे में बताई थी. इस सूचना पर पुलिस गश्ती दल पहुंची. जैसे ही पुलिस गश्ती दल पहुंची तो ग्रामीण पुलिस बल के साथ ही गाली गलौच और धक्का मुक्की करने लगे. ऐसे में थाना को खबर कर अतिरिक्त बल मंगाया गया. अतिरिक्त बल आने के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई और भीड़ को तितर बितर किया गया और आवेदिका को सकुशल निकालकर थाना लाया गया.
पुलिस पर लगे आरोप निराधार
थाना आने के बाद आवेदिका ने आवेदन दिया जिसके आधार पर सरिया थाना में एफआईआर दर्ज की गई. बताया कि इसके बाद भी आवेदिका डरी हुई थी. ऐसे में उसे थाना में महिला सुरक्षा के साथ रखा गया था. एसडीपीओ का कहना है कि ग्रामीणों ने पुलिस बल पर मारपीट करने का जो आरोप लगाया है, वह निराधार है और जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है.