झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Attention: यहां बाइक के धक्के से मौत पर नहीं मिलेगा बीमा का लाभ, आखिर क्यूं जानें - झारखंड में अवैध खनन

मोटर वेहिकल्स एक्ट 1988 की धारा 166 के तहत वाहन से दुर्घटना होने पर मृतक और घायल को क्षतिपूर्ति मिलना है. लेकिन गिरिडीह समेत राज्य के कई जिलों में बाइक के धक्के के बाद मुआवजा या थर्ड पार्टी बीमा का लाभ आपको नहीं मिल सकता है. जानें क्या है वजह...

Rules of vehicle accident insurance
दुर्घटनाग्रस्त मोटरसाइकिल

By

Published : Feb 28, 2023, 8:19 AM IST

Updated : Feb 28, 2023, 9:04 AM IST

देखें पूरी खबर

गिरिडीह: यदि किसी वाहन की चपेट में लोग आ जाते हैं और उसकी मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है. यह क्षतिपूर्ति मोटर वेहिकल्स एक्ट 1988 की धारा 166 के तहत दिया जाना है. क्षतिपूर्ति की भरपाई वाहन के बीमा नहीं रहने पर वाहन के मालिक को करना पड़ता है, लेकिन गिरिडीह में ऐसे वाहन हैं जिससे किसी को धक्का लग जाए और उसकी मौत हो जाए तो क्षतिपूर्ति या मुआवजा नहीं मिलेगा. यह वाहन है अवैध कोयला लदी बाइक. इस बाइक की चपेट में आने से ज्यादातर सम्भावना है कि पीड़ित या मृतक के परिजनों को यह लाभ नहीं मिल सके.

ये भी पढ़ें-Giridih Electricity Worker Assaulted: गिरिडीह में बिजली विभाग की टीम पर हमला, एक कर्मी घायल

90 फीसदी फर्जी वाहन:दरअसल, जिले में अवैध कोयला को बाइक पर लादकर तस्करी का काम धड़ल्ले से होता रहा है. बाइक पर एक से सवा टन कोयला लादा जाता है और इसके बाद इसपर सवार चालक तथा उसका सहयोगी अपनी जान की फिक्र किये बगैर तेज रफ्तार से वाहन को हांकते हैं. इन्हें अपनी तो छोड़िए दूसरे की जान की भी फिक्र नहीं रहती है. इस तस्करी पर रोक लगाने के लिए कभी कभार पुलिस अभियान भी चलाती है.

दो दिनों पहले एसपी को मिली सूचना के आधार पर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विनय राम समेत कई अधिकारियों ने छापेमारी की थी. पचम्बा व मुफ्फसिल पुलिस ने 21 बाइक को पकड़ा था. मुफ्फसिल थाना पुलिस ने जिस 16 बाइक को पकड़ा था उसमें 15 बाइक का इंजन/चेचिस नंबर घिसा हुआ है यहां मात्र एक बाइक की ही पहचान हो सकी है. इसी तरह पचम्बा पुलिस ने उसी दिन पांच बाइक को पकड़ा था जिसमें दो बाइक का इंजन/चेचिस नंबर घिसा हुआ है. इस मामले की पुष्टि डीएसपी संजय राणा ने की है. बताया कि छापेमारी के बाद दोनों थाना में चोरी का मुकदमा किया गया है. चोरी में कोयला के साथ बाइक भी शामिल है. यह भी बताया कि अवैध कोयला लदी बाइक को पकड़ने का सिलसिला लगातार चल रहा है.

डीटीओ ने कही कार्यवाई की बात:इस गम्भीर विषय पर जिला परिवहन पदाधिकारी रोहित कुमार से बात की गई. उन्होंने कहा कि इस तरह के बाइक पर उनका विभाग भी कार्यवाई करेगा. यह भी बताया कि बीमा का लाभ वाहन के इंश्योर्ड होने पर ही मिलता है. कहा कि किसी भी वाहन का थर्ड पार्टी बीमा निहायत ही जरूरी है.

क्या कहते हैं जानकार: मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े मुकदमा लड़ने वाले अधिवक्ता प्रवीण कुमार कहते हैं कि मोटर वेहिकल्स एक्ट 1988 की धारा 166 के तहत ही घायल या मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति मिल सकती है. इसके लिए वाहन का बीमा, निबंधन और वाहन चालक का लाइसेंस रहना जरूरी है. इन कागजातों के रहने पर बीमा कम्पनी से मृतक या घायल के परिजनों को क्षतिपूर्ति मिल सकता है. वाहन यदि बिमिति नहीं है तो मृतक या घायल के परिजनों को वाहन के मालिक को क्षतिपूर्ति देना होगा. वहीं यदि वाहन का निबंधन नम्बर, इंजन / चेसिस नंबर ही नहीं रहेगा तो इस स्थिति में मालिक की भी पहचान नहीं हो सकेगी और पीड़ित परिवार को मोटर वेहिकल्स एक्ट 1988 की धारा 166 का लाभ नहीं मिल सकता है.

Last Updated : Feb 28, 2023, 9:04 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details