गिरिडीह: गिरिडीह में फर्नीचर व्यवसायी के घर डकैती का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. 17 नवंबर को फर्नीचर व्यवसायी उत्तम कुमार गुप्ता के बक्सीडीह रोड स्थित घर पर हुई डकैती में 80 संदिग्धों से पूछताछ के बाद पुलिस राजफाश कर पाई है.
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बता दें कि पूछताछ और छापेमारी के दौरान गिरिडीह की पुलिस ने धनबाद के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के विकास नगर के भुनेश्वर बेलदार को पकड़ा था. भुवनेश्वर के पकड़े जाने के बाद ही पुलिस इस डकैती कांड का पर्दाफाश कर सकी. भुवनेश्वर के पकड़ में आने के बाद यह भी साफ हुआ कि गिरिडीह शहर के भण्डारीडीह 28 नम्बर निवासी संजय विश्वकर्मा ने ही डकैती की साजिश रची थी. संजय का आपराधिक इतिहास है और वर्ष 2016 में रामगढ़ में डकैती की वारदात में भी वह शामिल था. भुवनेश्वर ने पुलिस को बताया कि संजय ने ही धनबाद-पलामू के अपराधियों को गिरिडीह बुलाया था और घटना को अंजाम दिलवाया था.
डीएसपी मुख्यालय एक संजय कुमार राणा ने गिरिडीह पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता में बताया कि व्यवसायी के घर पर सात अपराधियों ने वारदात की थी. छह अपराधी घर के अंदर घुसे थे जबकि एक अपराधी घर के बाहर खड़ा होकर निगरानी कर रहा था. राणा ने बताया कि वारदात में शामिल पांच अपराधियों और एक रिसीवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अपराधी अभी फरार हैं. फरार चल रहे दोनों अपराधियों की धर पकड़ के लिए संभावित ठिकानों पर छापामारी चल रही है. जल्द ही दोनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों में भुवनेश्वर बेलदार वही चालक है जो डकैती के बाद व्यवसायी की हुंडई कार गिरिडीह से पलामू तक लेकर गया था. गिरिडीह से धनबाद होकर हुंडई कार को पलामू तक ले जाया गया था.
ये हैं आरोपियों के नाम
डीएसपी मुख्यालय संजय कुमार राणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के पिपराखुर्द का रहने वाला आनंद कुमार महतो, गिरिडीह नगर थाना क्षेत्र के 28 नंबर भण्डारीडीह का रहने वाला संजय विश्वकर्मा और राजकुमार पासवान, धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के विकास नगर का रहने वाला भुवनेश्वर बेलदार, गिरिडीह जिले के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के सिमपुर का रहने वाला सुनिल साव एवं पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के तेतराई गांव का रहने वाला गोपाल सोनी शामिल है. गिरफ्तार गोपाल सोनी ने रिसीवर का काम किया था. अपराधियों ने गोपाल सोनी के पास ही सोने के जेवरात बेचे थे, जिसे गोपाल ने गला कर बेच दिया था.
क्या-क्या हुआ बरामद