गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के कुसमरजा के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के एक युवक ने एकता की मिसाल पेश की है. समुदाय और धर्म की भावना से ऊपर उठकर उसने एक हिंदू बच्चे की जान बचाने के लिए रोजा में रहते हुए ब्लड डोनेट किया है. ब्लड डोनेट करने वाले उक्त शख्स का नाम सलीम अंसारी है.
मुस्लिम युवक ने पेश की एकता की मिसाल, रोजा में रहकर हिंदू बच्चे के लिए किया रक्तदान
बगोदर प्रखंड के कुसमरजा के रहने वाले मुस्लिम युवक ने एकता मिसाल पेश की है. उसने एक हिंदू बच्चे की जान बचाने के लिए रोजा में रहते हुए ब्लड डोनेट किया है.
कुसमरजा गांव के ही भिखारी महतो का आठ वर्षीय पुत्र निखिल कुमार पिछले एक सप्ताह से गंभीर रूप से बीमार है. उसका इलाज हजारीबाग के निदान नर्सिंग होम में चल रहा है. उसकी तबियत में सुधार के लिए ए पॉजिटिव खून की जरूरत थी. परिजनों ने खून की तलाश काफी की, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. इसकी जानकारी गांव के ही यंग स्टार कुसमरजा ग्रुप के उपाध्यक्ष सलीम अंसारी को हुई तब उन्होंने इस लॉकडाउन और रोजा में होने के बावजूद हिम्मत का परिचय देते हुए सोमवार को हजारीबाग पहुंचे और फिर खून दान किया.
बता दें कि निखिल का भाई और सलीम दोनों दोस्त हैं. ऐसे में उसने अपने मित्र सलीम से बात की और सलीम रक्त देने को तैयार हो गया. वह अस्पताल पहुंचा और रक्त देकर निखिल को जीवनदान दिया. उसका कहना भी है कि आज के समय में भले लोग दो टुकड़े पर बटते जा रहे हैं, लेकिन अभी भी हमारे समाज में ऐसे लोग हैं जो संबंध को प्रमुखता देते हैं. मैंने कोई एहसान नहीं किया है बल्कि अपना कर्तव्य पूरा किया. वहीं, उन्होंने आम लोगों से अपील भी किया है कि वर्तमान समय में जिस तरह से धर्म के नाम पर लोग नफरत की दीवार खड़ा कर रहे हैं. उसे तोड़े और आपसी एकता का प्रतीक बने.