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जहांगीरपुरी और लोहरदगा जैसे मामलों के बीच सौहार्द की मिसाल, हिंदू के लिए मुस्लिम युवक ने तोड़ा रोजा - सौहार्द की मिसाल

एक तरफ देश में जहां जहांगीरपुरी और लोहरदगा से मामले सामने आ रहे हैं. वहीं गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में एक मुस्लिम युवक ने एकता की मिसाल पेश की है. युवक ने जब देखा की एक व्यक्ति को खून की जरूरत है और उसका ब्लड ग्रुप उससे मैच करता है तो उसने अपना रोजा तोड़ दिया और युवक की जान बचा ली.

muslim youth donated blood
muslim youth donated blood

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Published : Apr 27, 2022, 7:56 PM IST

गिरिडीह: बगोदर प्रखंड के बेको के युवक सिकंदर अली ने मानवता की मिसाल पेश की है. उन्होंने एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए रोजा तोड़कर ब्लड डोनेट(donated blood by breaking roja) किया है. उन्होंने हजारीबाग जिले के पदमा प्रखंड के गोरिया करमा में रहनेवाले ओम प्रकाश गुप्ता (35) को खून दिया. सिकंदर अली को जब जानकारी मिली कि ओम प्रकाश गुप्ता को ओ- पॉजिटिव खून (o+ve) खून की जरूरत है, तब उन्होंने रोजा की परवाह किए बिना हजारीबाग पहुंचा और अपना खून डोनेट किया.

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ओम प्रकाश गुप्ता का इलाज हजारीबाग के लाइफ केयर अस्पताल में चल रहा है. उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी. उनमें हिमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम थी. ऐसे में सिकंदर अली शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग पहुंचे और ब्लड डोनेट किया. इस संबंध में सिकंदर अली ने बताया कि खून देने के लिए डाक्टर ने पहले रोजा तोड़ने की सलाह दी. इस वजह से रोजा तोड़कर उन्होंने दोपहर में ब्लड डोनेट किया.

रोजा की फर्ज से ज्यादा किसी की जान बचाना जरुरी:सिकंदर अली ने कहा कि रोजा की फर्ज से ज्यादा जरुरी किसी की जान बचाने की है. जिंदगी रही तब आगे भी रोजा रखकर रोजा का फर्ज पूरा कर लूंगा. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ा धर्म किसी का जान बचाना है. इसी फर्ज और धर्म को मैंने निभाया है. इधर सिकंदर अली के इस कार्य की सभी ने सराहना की.

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