गिरिडीहः दुनिया के मजदूरों के पास अपनी जंजीर के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं, दुनिया के मजदूर एक हों, पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, शोषण के खिलाफ आवाज उठानेवाले कार्ल हेनरिक मार्क्स की बुधवार को 203वीं जयंती है. आज के दिन ईटीवी भारत यह जानने का प्रयास कर रहा है कि क्या कार्ल मार्क्स के विचार वर्तमान समय में कितने प्रासंगिक हैं ? क्या मौजूदा नक्सलवाद उनकी विचारधारा से अलग है? क्या झारखंड या भारत में वामपंथ का कोई औचित्य है? ईटीवी भारत की टीम ने इन सवालों का जवाब भाकपा माले के राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव से जाना.
राजेश यादव ने बताया कि कार्ल मार्क्स के विचार आज भी प्रासंगिक हैं. मार्क्स के विचार की जरूरत पूरी मानव जाति को है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में शोषण और भेदभाव आधारित व्यवस्था चल रही है. इंसान-इंसान का शोषण कर रहा है. इस स्थिति में कार्ल मार्क्स की विचारधारा की जरूरत सभी को है.
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