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कोरोना काल में उद्योग जगत प्रभावित, मैनपावर और कच्चे माल की हो रही किल्लत

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन ने उद्योग जगत की कमर तोड़ दी है. उद्योग धंधा ठप रहने के कारण उद्योगपति, मजदूर के अलावा इससे जुड़े सभी लोग काफी परेशान हैं. कई लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. कई मजदूर रोजगार के लिए जहां-तहां भटक रहे हैं.

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Published : Jun 7, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 7:11 PM IST

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उद्योग जगत प्रभावित

गिरिडीह: कोरोना की पहली लहर से लोग उबर ही नहीं पाए थी, कि साल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर आ गई. यह लहर ज्यादा असरदार रहा, जिसने तबाही भी खूब मचाई. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में बाजार पूरी तरह से प्रभावित रहा. वहीं लौह उद्योगों पर भी कोरोना का असर दिखा. उद्योगपतियों से लेकर कर्मचारी, मजदूर, माल ढुलाई करनेवाले वाहन, वाहन के ड्राइवर-खलासी के अलावा इन उद्योगों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सैकड़ों लोगों को इस कोरोना ने पूरी तरह से परेशान कर दिया है.

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मोंगिया ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक गुणवंत सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण सभी लोग परेशान हैं, बाजार लगभग बंद है, लोग डरे हुए हैं, मजदूर से लेकर कॉन्ट्रेक्टर तक भयजदा हैं, जब बाजार नहीं रहेगा तो उत्पादन करने से कोई फायदा भी नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि कच्चे माल में बहुत परेशानी आ गई है, आयरन ओर की कमी है, अंतराष्ट्रीय मार्केट में दाम भी बढ़ गया. गुणवंत सिंह ने बताया कि अभी कोई भी फैक्ट्री अपना 25 प्रतिशत भी काम नहीं कर पा रही है.

दुकान बंद



रोजगार पर असर
गुणवंत सिंह ने बताया कि उत्पादन और खपत कम होगा तो रोजगार पर भी असर पड़ना लाजमी है, जो रेगुलर कर्मी हैं, उनका तो काम चल रहा है, लेकिन जो ठेका मजदूर हैं, उनके सामने रोजगार की समस्या आ गई है. उन्होंने कहा कि कोरोना में परेशानी जरूर है, लेकिन ठेका मजदूर, लोडिंग मजदूर क्या करेंगे, उनके सामने तो बेरोजगारी आ ही गई है, जो चिंता का विषय है.

काम कर जाते मजदूर

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काम के लिए भटक रहे मजदूर
वहीं ठेका मजदूर रंजीत राय और नारायण राय ने बताया कि अभी 3-4 घंटा ही काम मिलता है, जिसके कारण रोजी रोटी नहीं चल पा रही है. वहीं वाहन चालकों और खलासी ने बताया कि उत्पादन बाधित होने से लोडिंग भी प्रभावित है, जिसके कारम काम नहीं मिल रहा है.

राजस्व वसूली में कमी
चैंबर ऑफ कॉमर्स के निर्मल झुनझुनवाला ने बताया कि संक्रमण के दौर में सरकार के लिए भी पाबंदियां लागू करना मजबूरी है, पाबंदियों का असर उद्योग जगत पर बहुत अधिक पड़ा है, बड़े, छोटे, मध्यम उद्योग सभी को इस कोरोना महामारी ने प्रभावित किया है, जो कर्मचारी बाहर गए थे वे वापस नहीं आ रहे हैं, बाजार 8 से 2 तक ही खुलता है, जिससे मालों की बिक्री नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि गिरिडीह का माइका उद्योग पहले से प्रभावित था, अब लौह उद्योग की भी स्थिति अच्छी नहीं है, कोरोना के कारण सरकार को भी नुकसान हो रहा है, राजस्व की वसूली में भी कमी आई है.

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बाजार को पटरी पर आने में लगेगा समय
निर्मल झुनझुनवाला ने कहा कि इस महामारी में लोगों ने काफी कुछ खोया है, ऐसे में उद्योग जगत को पटरी पर आने में एक साल से अधिक का समय लगेगा, नया काम के नया मार्केटिंग करने के लिए लोगों को काफी कुछ सोचना होगा.

Last Updated : Jun 7, 2021, 7:11 PM IST

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