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ETV IMPACT: खबर प्रकाशित होते ही टूटने लगी मनरेगा वेंडरों की नींद, जमा करने लगे रॉयल्टी

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Published : Jun 15, 2021, 6:13 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 7:13 PM IST

गिरिडीह में मनरेगा में रॉयल्टी गबन करने के मामले को ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसका असर अब दिखने लगा है. मंगलवार को सदर बीडीओ डॉ सुदेश कुमार के कार्यालय में एक वेंडर पहुंचे और रॉयल्टी का डीडी जमा किया है. अब भी कई ऐसे वेंडर हैं, जिन्होंने रॉयल्टी जमा नहीं किया है.

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मनरेगा में रॉयल्टी गबन

गिरिडीह: जिले में मनरेगा में मेटेरियल की रॉयल्टी को वेंडरों ने दबाकर रखा था. इस खबर को ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार ने संज्ञान लिया है. वहीं खबर प्रकाशित होते ही वेंडर खुद ही रॉयल्टी जमा करने पहुंचने लगे हैं. मंगलवार को सदर बीडीओ डॉ सुदेश कुमार के कार्यालय में एक वेंडर पहुंचे और रॉयल्टी का डीडी जमा किया.

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जमा हुआ 2.22 लाख
मंगलवार को बीडीओ कार्यालय पहुंचे वेंडर जनार्दन प्रसाद वर्मा ने 2 लाख 22 हजार 6 सौ रुपया जमा किया. अब इस रकम को जिला खनन कार्यालय के खाते में जमा किया जाएगा. वेंडर जनार्दन ने कहा कि सभी वेंडरों को रॉयल्टी की राशि जमा करना चाहिए.


अधिकारी हुए सख्त
दूसरी तरफ सदर प्रखंड के बीडीओ डॉ सुदेश ने कहा कि सरकार की राशि को दबाकर बैठे वेंडरों को अंतिम अल्टीमेटम दिया जा चुका है, इसके बाद भी रॉयल्टी जमा नहीं किया गया, तो ऐसे वेंडर कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.

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सरकारी रकम हड़पने का प्रयास

जिले में मनरेगा के मेटेरियल के कई आपूर्तिकर्ता सरकारी रकम को हड़पने के प्रयास में लगे हैं. यह रकम मेटेरियल के स्वामित्व (रॉयल्टी) का है. यह रकम कई करोड़ में होने की बात कही जा रही है. कितना रकम में गबन हुआ है इसका हिसाब अभी जिला खनन विभाग के पास भी नहीं है. यह रॉयल्टी भी पिछले चार-पांच साल का बताया जा रहा है. मनरेगा में मेटेरियल (ईंट, बालू, पत्थर, सीमेंट समेत अन्य सामान) की आपूर्ति वेंडरों के ओर से की जाती है. मेटेरियल का यदि सरकारी चालान से आपूर्ति किया गया है, तो रॉयल्टी नहीं काटी जाती है और अगर सरकारी चालान से सामानों की आपूर्ति नहीं की गई है, तो डबल रॉयल्टी काटी जाती है. काटी गई रॉयल्टी को जिला खनन विभाग के खाते में जमा भी करना होता है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. वेंडरों के मेटेरियल आपूर्ति करने के बाद प्राक्कलन राशि से रॉयल्टी काट तो ली जा रही है, लेकिन इस रकम को खनन विभाग के खाते में जमा नहीं किया जा रहा है.

वेंडरों को कई बार दिया गया नोटिस

जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि उनके विभाग के खाते में रॉयल्टी जमा करनी होती है, लेकिन रकम जमा ही नहीं किया जा रहा है, वेंडरों से रॉयल्टी जमा करवाने का काम बीडीओ है, कई बार इस बारे में चिट्ठी लिखकर अवगत भी कराया गया है, एक दो प्रखंडों से कुछ राशि जमा हूुई, लेकिन बाकी प्रखंडों के कई वेंडरों ने रकम जमा नहीं किया है. रॉयल्टी जमा करने के लिए वेंडरों को कई बार विभाग की ओर से नोटिस भी दिया गया है.

Last Updated : Jun 15, 2021, 7:13 PM IST

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