गिरिडीह: अंधेरी रात, शहर की सुनसान सड़क. उसपर एक दर्जन से अधिक अनजान लोग. पहली दफा ये लोग संदिग्ध लगे. लगा कि किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए शहर में भटक रहे हैं, लेकिन जैसे ही पड़ताल हुई तो जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने ना सिर्फ इन्हें आश्रय दिया, बल्कि भोजन के साथ पानी की भी व्यवस्था करायी. यह मामला गिरिडीह शहर से जुड़ा हुआ है.
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दरअसल, बुधवार और गुरुवार की रात लगभग 1:45 बजे नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी दलबल के साथ गश्त पर थे. इस दौरान उनकी नजर शहर के दुकान और गुमटियों के पास चक्कर काट रहे कुछ अज्ञात लोगों पर गई. वे इन अज्ञात लोगों के पास पहुंचे और पूछताछ शुरू की. पूछा, तुमलोग कौन हो और रात में इस तरह से कहां भटक रहे हो और दुकानों के आसपास क्या देख रहे हो. पुलिस के सवाल पर पहली दफा सभी डर गए. थानेदार ने फिर कहा, डरना नहीं है, क्या बात है बताओ. शालीनता से जब पुलिस पदाधिकारी ने सवाल पूछा तो अज्ञात लोगों की हिम्मत जगी और उन्होंने बताया कि वे सभी मजदूर हैं. लातेहार जिले के चंदवा के शिवपुर के समीप रेल लाइन में काम करने गए थे. सभी देवघर जिले के मधुपुर के हैं और वापस घर लौट रहे थे. 19 अप्रैल को झारखंड बंद था तो दिनभर वाहन नहीं मिला. काफी दूर तक पैदल चलने के बाद एक मालवाहक मिला, जिसने यहां तक छोड़ दिया. कहा कि अब आगे कैसे जायेंगे, यह कह नहीं सकते.
दुकान खुलवा कर बिस्किट और पानी की व्यवस्था करवायी: मजदूरों ने यह भी बताया कि वे लोग भूखे हैं और भोजन की तलाश कर रहे थे. उनकी बातों को सुनने के बाद थानेदार ने पहले सभी को टावर चौक के पास ही रखवाया और उसके बाद दुकान खुलवा कर इन सभी के लिए बिस्किट और पानी की व्यवस्था करवायी. थानेदार की इस दरियादिली की खूब तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया समेत पूरे शहर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी ने बताया कि लोगों की मदद करना ही पुलिसिंग है. इसी सोशल पुलिसिंग के तहत मजदूरों की मदद की गई. बताया कि गुरुवार की सुबह वाली ट्रेन से सभी मजदूर मधुपुर चले गए.