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Published : Sep 12, 2020, 10:12 PM IST

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गिरिडीह: पत्नी के साथ था अवैध संबंध, दोस्त संग मिलकर की हत्या

गिरिडीह के परसन ओपी थाना क्षेत्र में 12 दिन पहले सिर कटी लाश मिली थी, जिसकी गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को अवैध संबंध और पैसे के लेनदेन में अंजाम दिया गया था.

गिरिडीह: पत्नी के साथ था अवैध संबंध
Giridih police revealed murder case of unknown man

गिरिडीह: जिले के परसन ओपी क्षेत्र में 12 दिन पहले मिली सिर कटी लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मृतक उत्तर प्रदेश का था और उसकी हत्या अवैध संबंध और पैसे के लेनदेन में हुई थी.

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12 दिन पहले गिरिडीह के परसन ओपी क्षेत्र के जमुनियाटांड मैदान में मिली सिर कटी लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. मृतक का नाम 30 वर्षीय सत्येंद्रनाथ मिश्रा उर्फ पंडित था. इस हत्याकांड को अवैध संबंध और पैसे के लेनदेन में अंजाम दिया गया था. हत्यारों ने उसे गांजा-शराब के नशे में धुत्त कर गिरिडीह लाया था और बहुत ही बेरहमी से उसकी हत्या की थी. वह उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के गोपीगंज थाना अंतर्गत कोलापुर का रहने वाला था. हत्यारों ने पंडित के सिर और धड़ को भी अलग कर दिया. सिर को उसके धड़ से लगभग पांच सौ गज दूर पानी से भरे डोभा में फेंक दिया. इस पूरे घटना का खुलासा पुलिस के गिरफ्त में आये हीरोडीह थाना इलाके के तुलसीडीह निवासी मो. इब्राहिम अंसारी ने पूछताछ में बताया है. इब्राहिम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने हत्या के षड़यंत्र में प्रयुक्त मोबाइल, खून लगे दो चाकू, मृतक के खून से सना चादर-गमछा और रुमाल बरामद किया है. इस गिरफ्तारी की पुष्टि एसपी अमित रेणू ने की है.

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झारखंड-बिहार के कई जिलों में पहुंची पुलिस

बताया गया कि लाश मिलने का बाद से ही एसपी ने खोरीमहुआ एसडीपीओ नवीन कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित की. टीम में पुलिस निरीक्षक विनय कुमार राम और धनवार थाना प्रभारी रूपेश कुमार को भी शामिल किया गया. धड़ मिलते ही बोकारो से स्नीफर डॉग मंगाया गया. दूसरे दिन सिर भी मिल गया तो मृतक की पहचान शुरू की गयी. स्थानीय लोगों ने जब पहचानने से इंकार किया तो पुलिस ने अपने गुप्तचरों को भी इस काम में लगाया. बिहार के जमुई, चकाई, डेहरी ऑनसन के अलावा गिरिडीह से सटे आसपास के जिलों में भी खोजबीन की जाने लगी.

मेनुअल-टेक्निकल टीम से हुई पहचान

एक तरफ एसआईटी के अधिकारी लगातार खोजबीन में जुटे थे. दूसरी ओर गिरिडीह पुलिस की टेक्निकल टीम भी शव मिलने के बाद से घटनास्थल और उसके आसपास के इलाके में एक्टिव मोबाइल का कॉल डाटा निकाल रही थी. इसी छानबीन में यह साफ हुआ कि मृतक यूपी का रहने वाला है. इसके बाद परिजनों से संपर्क कर शव का डिटेल और घटना की जानकारी दी गयी. सूचना पर मृतक के बड़े भाई हरेंद्रनाथ मिश्र पहुंचे और उन्होंने मृतक की पहचान की. हरेंद्र ने यह भी बताया कि उसके भाई ने मोहर्रम देखने कोलापुर से झारखंड जाने की बात कही थी. यहां के बाद कई बिंदुओं पर अध्ययन किया गया और इब्राहिम उर्फ गुर्जर को पचंबा थाना इलाके से गिरफ्तार किया गया. शुक्रवार को पकड़ाए इब्राहिम ने पूरे घटना पर से पर्दा हटाया.

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मकसूद की बीबी से पंडित का था अवैध संबंध

पूछताछ में इब्राहिम ने पूरे घटना से पर्दा उठाया. उसने बताया कि जमुआ थाना इलाके के लहंगिया निवासी मकसूद अंसारी उसका फुफेरा भाई है. मकसूद 10-12 साल से कोलापुर में ही रहता है और वहीं पर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का ठेका लेता है. वह भी मकसूद के साथ काम करता है. यहां मकसूद की दोस्ती पंडित से हो गयी. दोस्ती में ही मकसूद ने पंडित से दो लाख रुपए बतौर उधारी ले लिया. इसी रकम को मांगने के बहाने पंडित अक्सरा मकसूद के घर जाता था. इसी बीच मकसूद की बीबी से पंडित का संबंध हो गया. जब मकसूद घर में नहीं रहता था तो पंडित घर में पहुंचता था. इस बात की जानकारी पड़ोसियों और घर के बच्चों के माध्यम से मकसूद को हुई. मकसूद ने पंडित को घर आने से मना किया. इसके बाद भी मिलन का सिलसिला जारी रहा.

प्लानिंग के साथ घटना को दिया गया हवाला

गिरफ्तार इब्राहिम ने बताया कि मकसूद ने इस पूरी कहानी की जानकारी उसे और अन्य साथियों को दी. इसके बाद घटना से एक सप्ताह पहले कोलापुर में ही पंडित की हत्या कि साजिश रची गयी. यह तय किया गया कि मोहर्रम में घुमाने और लड़की से मिलाने का लालच देकर पंडित को गिरिडीह ले जाया जाए और वहीं पर हत्या कर शव को ठिकाने लगा दिया जायेगा. इसी प्लानिंग के साथ मकसूद, इब्राहिम और पंडित एक ही बाइक पर सवार होकर 30 अगस्त की सुबह यूपी से निकले. रास्ते में गांजा और शराब का सेवन भी इनलोगों ने किया. दोनों ने पंडित को ज्यादा गांजा-दारू पिलाया. उसी रात 11 बजे बाइक पर सवार होकर तीनों जमुनियाटांड पहुंचे. यहां फिर से नशा किया गया. जब पंडित बेसुध हो गया तो उसकी हत्या कर दी.

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आधा दर्जन लोग थे घटना शामिल

एसपी ने बताया कि इस मामले का खुलासा करने में एसआईटी ने काफी मेहनत की है. छानबीन में 6-7 लोगों का नाम सामने आया है. अभी इब्राहिम की गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है. जल्द ही सभी पकड़े जायेंगे. इस घटना के खुलासा में एसडीपीओ नवीन कुमार सिंह, इंस्पेक्टर विनय कुमार राम, धनवार थाना प्रभारी रूपेश कुमार, हीरोडीह थाना प्रभारी राधेश्याम पांडेय, परसन ओपी प्रभारी रामशंकर उपाध्याय, जमुआ थाना प्रभारी संतोष कुमार के अलावा पुअनि सुदामा प्रसाद, हसनैन अंसारी, अश्विनी कुमार, मनीता कुमारी, प्रियंका कुमारी, अशोक कुमार, सअनि सतेंद्र पासवान, तकनीकी शाखा के जोधन महतो और राजेश गोप की अहम भूमिका रही.

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