गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार से ईटीवी भारत की खास बातचीत गिरिडीहः लोबिन हेंब्रम लगातार हेमंत सरकार और अपने ही दल झामुमो पर लगातार हमला बोल रहे हैं. अब झामुमो के गिरिडीह विधायक ने लोबिन को इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. गिरिडीह विधायक ने बाबूलाल मरांडी को भी अपने निशाने पर लिया है. विधायक सुदिव्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में पारसनाथ पर भी अपनी बेबाक राय दी.
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सुदिव्य का लोबिन को चुनौतीः बोरियो से झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम अपनी पार्टी और सूबे के मुख्यमंत्री पर लगातार मुखर रहे हैं. दो दिनों पूर्व मधुबन में हुए आदिवासियों के महजुटान कार्यक्रम में भी खुले मंच से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ साथ शिबू सोरेन पर हमला बोला था. यहां तक कहा था कि पार्टी से निकालने की धमकी जाती है लेकिन उन्हें माटी से कोई नहीं निकाल सकता. अब गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने लोबिन के वक्तव्य पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि लोबिन हेंब्रम पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. झामुमो की टिकट पर वो चुनाव लड़े और विधायक बने हैं. पार्टी उन्हें निकालेगी नहीं अगर वो खुद को माटी के नेता कहते हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.
लोबिन की हो गई है मतिभ्रमः सुदिव्य कुमार ने कहा कि लोबिन की मतिभ्रम हो गयी है तभी वो दिशोम गुरु के खिलाफ भी अर्नगलबात बोलते हैं. दिशोम गुरु ने शुरू से ही शराब के खिलाफ आंदोलन किया और हमेशा ही शराब व मांसाहार से दूर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग गुरुजी पर सवाल उठा रहे हैं वो एक दिन भी शराब के बगैर रह नहीं सकते. गिरिडीह विधायक ने लोबिन पर जमकर निशाना साधा और तथ्यों के आधार पर बयान देने की नसीहत दी.
सभी वायदों पर खरा उतर रही है हेमंत सरकारः सुदिव्य ने कहा कि बोरियो विधायक कहते हैं किहेमंत सरकारकाम नहीं कर रही है जबकि सच्चाई सभी जानते हैं. हेमंत सोरेन की सरकार ने सभी वादों को पूरा किया है. मधुबन की सभा में मंच से वो सीएनटी-एसपीटी एक्ट की बात कर रहे हैं जबकि हेमंत सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में ना एक शब्द बढ़ाया है और ना ही घटाया है. रघुवर सरकार के दौरान सीएनटी-एसपीटी एक्ट को शिथिल करने के जो प्रयास हुए थे उसके खिलाफ जेएमएम ने ही सबसे सशक्त आंदोलन चलाकर रघुवर सरकार को यह बाध्य किया था वो सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन के प्रस्ताव को वापस लें. सरना धर्म कोड, 1932 खतियान आधारित स्थानीय व नियोजन नीति को राज्य सरकार ने पारित करके भेज दिया. अब कौन से ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान नहीं पर लोबिन हेंब्रम आहत हैं. उन्होंने कहा कि लोबिन हेंब्रम सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरना चाहते हैं.
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पारसनाथ मरांग बुरू था, है और रहेगाः गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में जैन समुदाय की तरफ से दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं. दिल्ली, मुंबई, सूरत में जैन समुदाय की तरफ से उग्र नारे दिए गए. इससे कहीं ना कहीं आदिवासी समाज को इस बात का दुख व अफसोस था, जिस मरांग बुरू में उनकी आस्था है उस मरांग बुरू पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. 8 जनवरी को जिला प्रशासन की बैठक में सभी बातों को स्पष्ठ कर दिया गया था. उस दिन प्रेस वार्ता में मैंने साफ कहा था कि अंग्रेजों के गजट हो या इतिहास के पन्ने वे इस बात को तस्दीक करते हैं कि मरांग बुरू था, है और रहेगा उनकी अस्मिता पर कुछ सवाल नहीं उठ सकता. इसके साथ ही रही बात जैन धर्म के साथ सामंजस्य की तो उस दिन भी कह दिया गया था कि आदिकाल से चल रही परंपरा उसी रूप में चलेगी ना तो नई बात जोड़ी जाएगी और ना ही कोई पुरानी बात हटाई जाएगी.
मामले में हो रही है राजनीति और बाबूलाल सूत्रधारः गिरिडीह के मधुबन में हुए आदिवासी मूलवासियों के महाजुटान कार्यक्रम को राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि जिन बाबूलाल मरांडी ने अपने ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री को यह निर्देश दिया या सुझाव दिया कि पारसनाथ को सम्मेद शिखर के तौर पर घोषित करते हुए जैनियों को सौंप दिया जाए. मधुबन में कार्यक्रम के दौरान भीड़ ने पीएम, सीएम व मेरा पुतला फूंका लेकिन बाबूलाल का पुतला नहीं फूंका गया. इस कार्यक्रम में बाबूलाल का भतीजा अर्जुन मरांडी इस सभा का संचालन कर रहे हैं. अर्जुन मरांडी का भांजा सिकंदर हेंब्रम इस कार्यक्रम के आयोजक थे जो बताता है कि राजनीति किस स्तर से हुई है और सूत्रधार कौन हैं.