गिरिडीह: 42 दिनों से धरना पर बैठे जमुआ प्रखंड के नावाडीह के दलित समाज के लोगों की गुरुवार को जमीन की मापी की गई. गुरुवार को डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी दीपक शर्मा के निर्देश पर प्रशासन की टीम चौथी दफा प्रमाणिकडीह पहुंची और जमीन की मापी की.
गिरिडीह में सुरक्षा व्यवस्था के बीच मापी गई दलितों की जमीन, विपक्षियों का विरोध नहीं आया काम
गिरिडीह के जमुआ के 11 दलित परिवारों की जमीन को प्रशासन ने अतिक्रमण से मुक्त कराया. साथ ही प्रशासन ने जमीन की पैमाइश कराई और सीमांकन कराया. दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया था. Encroachment land of 11 Dalit families of Jamua
Published : Oct 26, 2023, 10:12 PM IST
हालांकि इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने इस मापी का विरोध करने का प्रयास किया. लेकिन बीडीओ सह सीओ कमलेंद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में आयी प्रशासन की टीम के आगे इनकी एक नहीं चली और 30.56 एकड़ प्लॉट से 11 एकड़ जमीन की मापी कर उसका सीमांकन किया गया. साथ ही बताया गया कि सीमांकित भूमि पर दलित परिवार का दखल रहेगा.
दंडाधिकारी भी थे तैनात:जमीन की मापी में व्यवधान नहीं हो, इसे लेकर बीडीओ के साथ दंडाधिकारी के तौर पर कनीय अभियंता सुमंत कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया था. इनके साथ जमुआ पुलिस निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह, थाना प्रभारी विपिन कुमार के अलावा कई पुलिस पदाधिकारी महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया था. इस दौरान भाजपा नेता कामेश्वर पासवान, तुरी समाज के प्रदेश महासचिव महेश राम, सावित्री भारती, प्रदीप तुरी, जैनूल अंसारी समेत कई लोग मौजूद थे.
दंबगों ने 11 दलित परिवार की जमीन पर किया था कब्जा:कामेश्वर पासवान ने कहा कि दलित परिवार ने धरना के माध्यम से अपनी बातों को रखा और अंततः जमीन की मापी हुई. उन्होंने कहा कि दलित पर शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बता दें कि नावाडीह के 11 दलित परिवार की जमीन पर दबंगो ने कब्जा जमा लिया था. जमीन को कब्जा से मुक्त कराने की मांग को लेकर दलित परिवार के लोग पिछले 12 सितंबर से धरना दे रहे थे.