गिरिडीहः बराकर नदी में बाबा सम्राट बस के गिरने के बाद स्कूटर की बीमा पर बस चलने का मामला सामने आया. इस मामले के बाद जब अंदर तक पड़ताल हुई तो यह भी साफ हुआ कि इस तरह के बीमा पर जिले से रांची, कोलकाता तक कई बसें चल रही हैं. धीरे धीरे यह साफ हो रहा है कि गिरिडीह ही नहीं झारखंड के कई जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल, बिहार में भी कई बस मालिक इसी तरह का बीमा करवाकर सरकार को न सिर्फ चूना लगा रहे हैं बल्कि यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
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बीमा कंपनी की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकती गड़बड़ीःजब से स्कूटर की बीमा से बस चलने का मामला सामने आया है तब से बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी बगैर बीमा कंपनी की मिलीभगत से कैसे संभव है. जिस तरह से एक के बाद एक वाहन का बीमा स्कूटर का मिल रहा है और एक साल नहीं बल्कि तीन-चार साल से इसी तरह के मोड में बसों का बीमा हो रहा है तो शक सीधे तौर पर बीमा कंपनी पर ही जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि एक संगठित गिरोह ही इस तरह की गड़बड़ी कर रहा है. जिसमें बीमा कंपनी के कई कर्मी शामिल हो सकते हैं.
बाबा सम्राट के दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा स्कूटर का निकलने के बाद अभी तक गिरिडीह से रांची चलने वाली तीन अन्य बसों का बीमा दो पहिया का निकल चुका है. जिसका जिक्र ईटीवी भारत सोमवार की रात में कर चुका है. अब आगे जब ऑनलाइन पड़ताल हुई तो यह भी साफ हुआ कि बाबा सम्राट की एक दो नहीं बल्कि कई बसों का परिचालन इसी तरह की बीमा पर हो रहा है. परिवहन विभाग के पोर्टल में अपलोड किये गये इंश्योरेंस पेपर की पड़ताल की गयी तो पाया गया कि कई बस व ट्रक जिसका रजिस्ट्रेशन विभिन्न जिलों में हुआ है, उसका भी बीमा या तो दोपहिया का है या किसी दूसरे वाहन का.
बाबा सम्राट की 9 वाहनों के बीमा में गड़बड़ीःइधर बताया जाता है कि बाबा सम्राट की 9 बसों का बीमा भी दो पहिया मोड में है. जिसका जिक्र ऑनलाइन है. कई बसें खुद राजू खान के नाम पर हैं तो कई दूसरे के नाम पर. जानकारी के अनुसार गिरिडीह में रजिस्टर्ड जेएच11आर-1055, जेएच11एजी-0233, जेएच 11क्यू-3414, जेएच11जेड-1668, जेएच11एजी-5912, जेएच11एक्स-1341 और जेएच11क्यू-4110 बसें दोपहिया वाहन के इंश्योरेंस पर चल रही हैं. वहीं पश्चिम बंगाल से रजिस्टर्ड कई बसों में से कई दोपहिया वाहन तो कई दूसरे मोड के वाहन के बीमा पर चल रहे हैं. हालांकि इन सभी बसों के मालिकाना हक रखने वाले यही कह रहे हैं कि ऑनलाइन में क्या जिक्र है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने पूरा पैसा बीमा कंपनी को दिया है और उनके पास बीमा की प्रति है. इनका यह भी कहना है कि मामले की जांच होनी ही चाहिए की गड़बड़ी कहां से है.
बसों का बीमा शुरूःदूसरी तरफ स्कूटर के बीमा का मामला सामने आने के बाद कई बस संचालकों ने अपने अपने वाहन का बीमा करवाना शुरू कर दिया है. सोमवार को बाबा सम्राट ने पांच बसों का बीमा कराया. जबकि मंगलवार को दो बसों का बीमा कराने का प्रस्ताव द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को दिया है. इसके अलावे हजारीबाग के भी एक बस संचालक ने आनन-फानन में अपने बस का बीमा करा लिया है.
डीसी ने गठित की जांच कमिटीःदूसरी तरफ इस गंभीर मामले को लेकर गिरिडीह के डीसी ने जांच कमिटी का गठन कर दिया है. इस कमिटी में सदर एसडीओ विशालदीप खलखो, डीएसपी मुख्यालय संजय राणा, डीटीओ शैलेंद्र प्रियदर्शी को शामिल किया है. इस टीम के द्वारा जांच शुरू कर दी गईं है. टीम उस स्थान पर भी जा चुकी है जहां पर दुर्घटना हुई थी. इसी तरह परिवहन विभाग द्वारा बाबा सम्राट की सभी बसों के कागजात को खंगालने का काम शुरू किया गया है.