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जैप जवान के घर साइबर पुलिस ने मारा छापा, डीएसपी के खिलाफ थाना पहुंची जवान की पत्नी

गिरिडीह पुलिस ने साइबर अपराधियों की तलाश में एक जैप जवान के घर में छापेमारी की. इस छापेमारी के बाद साइबर पुलिस एक बार फिर विवादों में घिर गई है. छापेमारी के बाद जवान की पत्नी ने साइबर डीएसपी के खिलाफ गांडेय थाना में शिकायत की है.

Cyber police raid in Giridih
गिरिडीह में जैप जवान के घर छापा

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Published : Jul 30, 2021, 10:47 PM IST

गिरिडीह:साइबर अपराधियों की तलाश में गिरिडीह साइबर थाना पुलिस ने एक जैप जवान के घर पर छापेमारी की. कहा जा रहा है कि साइबर थाना पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है. हिरासत में लिए गए संदिग्ध द्वारा दी गयी जानकारी पर गांडेय के मरगोडीह स्थित जैप के एक जवान के घर में छापेमारी की गई. यहां काफी देर तक छानबीन की गई लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. इस छापेमारी के बाद साइबर थाना की पुलिस विवादों में घिर गई है. जिस जैप जवान के घर में छापेमारी की गई है उसकी पत्नी ने गांडेय थाना में साइबर डीएसपी के खिलाफ शिकायत की है और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.

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क्या है शिकायत में ?

गांडेय थाना में दिए आवेदन में मरगोडीह निवासी प्रमिला देवी ने कहा है कि उसके पति ढालो मंडल लिट्टीपाड़ा में जैप आरक्षी हैं. 29 जुलाई की रात करीब डेढ़ बजे उसके घर के दरवाजे को जोर-जोर से पीटा जाने लगा. आवाज से उसकी नींद टूटी तो उसने अपने पति को फोन किया. पति ने कहा कि वे पड़ोसियों को फोन करते हैं और जब तक पड़ोसी नहीं आ जाए दरवाजा नहीं खोलना है. इसी बीच उसके घर का दरवाजा तोड़कर 15-16 लोग घर के अंदर दाखिल हो गए. सभी पुलिस की वर्दी में थे. सभी अंदर आये और धक्का देकर उसे गिरा दिया. इसके बाद घर के सामानों को तितर बितर कर दिया.

देखें पूरी खबर

घर के अंदर घुसे लोगों में से एक व्यक्ति ने खुद को साइबर डीएसपी बताया. इसके बाद बेटे के संदर्भ में पूछताछ की. जब कहा गया कि बेटा मौसी के घर गया है. इसके बाद अलमीरा की चाबी मांगी गई. अलमीरा खोलकर जेवरात और 15 हजार रुपए नकदी निकाल लिया गया. इसके बाद सभी पुलिसकर्मी वाहन पर सवार होकर चलते बने. प्रमिला ने कहा कि बगैर किसी सूचना के इस तरह की कार्रवाई उसके घर में हुई गई है. इससे उसकी और उसके परिवारवालों की प्रतिष्ठा का हनन हुआ है. वहीं, उसकी और उसकी सास को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है.

जैप जवान का भाई है संदिग्ध: डीएसपी

डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने कहा कि पुलिस को बदनाम करने और दबाव बनाने के लिए इस तरह गलत आरोप लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहली बात ये है कि छापेमारी में वे गए ही नहीं थे. छापेमारी के लिए साइबर थाना से पुलिस अधिकारी और जवान गए थे. बताया कि दरअसल साइबर अपराध में एक संदिग्ध मोहन साव को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. उसी से दो अन्य संदिग्ध बसंत मंडल और संदीप मंडल की जानकारी मिली है. इसी की तलाश में पुलिस मरगोडीह गई थी. संदिग्ध में एक जैप जवान का भाई है. पुलिस को सूचना थी कि बसंत और संदीप एक ही घर में छिपे हुए हैं. जब पुलिस पहुंची तो दोनों वहीं थे परंतु जैसे ही उन्हें पुलिस के आने की भनक लगी वे लोग भागने लगे. जवानों द्वारा पीछा भी किया गया परंतु दोनों भागने में सफल रहे.

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