गिरिडीहः गिरिडीह कोलियरी के पपरवाटांड में अवस्थित सीसीएल के बंगले को लेकर बवाल हो गया. यहां बंगले पर कब्जा करने को लेकर बुधवार देर रात आजसू कार्यकर्ताओं का हंगामा देखने को मिला. मामले की सूचना एसडीपीओ अनिल सिंह व मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम को मिली तो पुलिस अधिकारी केके गोराई पहुंचे. पुलिस के पहुंचने के काफी देर बाद मामला शांत हुआ और पार्टी के लोग वापस गए.
क्या है पूरा मामलाः पपरवाटांड में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेलाटांड़ के ठीक पास में एक बंगला है. यह बंगला एक अधिकारी के नाम आवंटित था. उस अधिकारी के रिटायर होने के बाद सीसीएल प्रबंधन ने बंगला को असिस्टेंट मैनेजर माइनिंग गौरव सिन्हा के नाम पर आवंटित कर दिया. आवंटन के बाद मंगलवार को ही गौरव सपरिवार बंगला में शिफ्ट कर गए. बुधवार को बंगला में रिपेयरिंग का काम चल रहा था. इसी बीच आजसू के नगर अध्यक्ष शैलेश कुमार के साथ 15-20 समर्थक पहुंचे और हंगामा करने लगे.
लोगों का हंगामा देखकर सीसीएल अधिकारी गौरव कुमार डर गए और परिवार के साथ कमरे में बंद हो गए. मामले की सूचना परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह व माइंस मैनेजर जीएन बेले को दी. सूचना पर जीएन बेले के अलावा सीसीएल सुरक्षा विभाग के कर्मी भी पहुंचे और आजसू के लोगों को बंगले से बाहर जाने को कहा. सीसीएल अधिकारी व सुरक्षाकर्मियों के कहने के बाद भी आजसू कार्यकर्ता बाहर नहीं जाने लगे. इसपर मामले की सूचना एसडीपीओ के अलावा थाना प्रभारी को दी गई. सूचना पर पुलिस पहुंची दोनों पक्ष से मामले को समझा गया. यहां सीसीएल अधिकारी गौरव ने पुलिस आवंटन पत्र दिखाया. इसके बाद आजसू के लोगों से आवंटन पत्र मांगा गया तो उनके द्वारा किसी प्रकार का आवंटन पत्र नहीं दिखाया गया बाद में सभी कार्यकर्ता चले गए.
सांसद के नाम आवंटित हुआ है बंगला: इस मामले को लेकर आजसू नगर अध्यक्ष शैलेश का कहना था कि यह बंगला गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रतिनिधि के नाम पर आवंटित है तो कैसे कोई दूसरा अधिकारी अंदर दाखिल हो गया. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें पार्टी का निर्देश प्राप्त है और वो उसी निर्देश का अनुपालन कर रहे हैं.
प्रबंधन तय करे: वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी केके गोराई ने कहा कि प्रबंधन ही तय कर सकती है कि बंगले में कौन शिफ्ट कर सकता है. वैसे आवंटन का कागज सीसीएल के अधिकारी ने दिखाया है और आजसू के लोग भी कागज होने की बात कह रहे हैं. पूरे मामले से बड़े वरीय अधिकारी को अवगत करा दिया गया है. लेकिन मामले में फैसला सीसीएल प्रबंधन को ही लेना है.