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गिरिडीह: नौकरी के नाम पर लोगों से ठगी का आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने हजारीबाग से दबोचा

गिरिडीह जिले में नौकरी के नाम पर लगभग 700 लोगों से ठगी करने के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी को हजारीबाग से गिरफ्तार किया है.

accused cheating on the name of job arrested in giridih
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार

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Published : Jan 31, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 8:02 PM IST

गिरिडीह: नौकरी के नाम पर ठगी करने और काम करवाने के बाद वेतन नहीं देने में मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को पचंबा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आरोपी नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष बेंगाबाद थाना क्षेत्र के तेलोनारी का मो. सुल्तान है. गिरफ्तारी की पुष्टि पचंबा पुलिस ने की है. पचंबा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी की तलाश की जा रही थी. इस बीच जानकारी मिली कि आरोपी हजारीबाग भाग गया है. पुख्ता सूचना मिलने के बाद एक टीम को हजारीबाग भेजा गया. हजारीबाग से ही आरोपी की गिरफ्तारी हुई.

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लगभग 700 महिलाओं से ले चुका है 5-5 हजार
इस मामले पर रविवार की शाम प्रेस वार्ता में थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने बताया कि आरोपी और पीड़ित महिलाओं से पूछताछ के बाद यह पता चला है कि सुल्तान ने 7-8 सौ महिलाओं से नौकरी देने के नाम पर 5-5 हजार की ठगी की है. इसके अलावा बच्चों को मुफ्त ने ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर भी ठगी की है.
बिहार के लोगों को भी बनाया है निशाना
थाना प्रभारी ने बताया कि सुल्तान एक संगठित गिरोह चलाता है. इसके गिरोह के संदर्भ में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. बताया कि सुल्तान का गिरोह बिहार में भी सक्रिय रहा है और बिहार के कई महिलाओं को ठगने की बात भी कही जा रही है, जिसका अनुसंधान किया जाएगा. कहा कि सुल्तान के खिलाफ कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज होने की भी बात पता चली है. इस बाबत पचंबा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने बताया कि मोहम्मद सुल्तान ने नोबेल चैरिटेबल ट्रस्ट के आड़ में सात सौ महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी कर चुका है. उन्होंने बताया कि अरोपी पर दूसरे थाने में भी मामला दर्ज है. साथ ही यह बिहार समेत दूसरे जिलों में भी कई महिलाओं को अपने ठगी का शिकार बना चुका है.

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ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल, बीते वर्ष पचंबा थाना में एक एफआईआर दर्ज हुई थी. प्राथमिकी में पचंबा थाना क्षेत्र के तिवारीडीह के सरस्वती (पिता भरत दास) ने कहा था कि नोवेल चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष की तरफ से उसे सुपरवाइजर के पद पर 7 हजार 500 रुपये प्रतिमाह की वेतन पर रखा गया था. साथ ही उसे कार्य के रूप में 40 शिक्षक और शिक्षिका जिले में कहीं भी नियुक्त करने का आदेश दिया था. मो. सुल्तान अंसारी और शिल्पा मिश्रा की तरफ से उसे बोला गया था कि शिक्षक रखने के एवज में 5 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेना है और इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग देना है. इसके बदले शिक्षक का कार्य यह होगा कि वह अपने घर पर ही दस बच्चे को ट्यूशन का कार्य निशुल्क करेंगे. इसके बाद मो. सुल्तान ने उससे कहा कि शिक्षकों के पास पढ़ रहे बच्चों का 350 रुपये प्रति बच्चा रजिस्ट्रेशन फीस दिजिए. इसके बाद बच्चों को एक साल तक मुफ्त ट्यूशन दिया जाएगा और 10 हजार रुपये प्रति बच्चा मिलेगा. इस लोभ के कारण सभी बच्चे 350 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस देकर शिक्षक के घर पढ़ने के लिए जाने लगे. प्राथमिकी में सरस्वती ने कहा था कि वह अपना काम करते हुए 40 शिक्षक का रजिस्ट्रेशन कराई और सारा पैसा संस्था में जमा कर दी. साथ ही उसके शिक्षक भी जो बच्चे उनके पास पढ़ रहे थे, उनका रजिस्ट्रेशन के नाम पर 350 रुपये लेकर संस्था में जमा किया. शुरूआत में 5-6 बच्चे का पैमेंट रसीद इसके दिया गया, उसके बाद कोई भी रसीद नहीं दिया गया. सरस्वती ने कहा कि उसे भी एक बार एकांउट में वेतन के रूप में 7 हजार 500 रुपये मिला. इसके आलावा पांच शिक्षक को मात्र एक ही माह का वेतन मिला. इसके बाद बच्चों और शिक्षकों की संख्या बढ़ जाने बाद न तो उसे वेतन मिला और न ही शिक्षक को वेतन मिला.

Last Updated : Jan 31, 2021, 8:02 PM IST

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