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अधूरे सिलेबस के बीच बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्र, शिक्षकों पर है पूरा दारोमदार

झारखंड सरकार ने मई में 10वीं और 12वीं की परीक्षा की घोषणा की है, जबकि सिलेबस अभी भी अधूरा है. अधूरे सिलेबस और परीक्षा की चिंता को लेकर बच्चे परेशान हैं.

10th and 12th students preparing for exam in garhwa
छात्र-छात्राएं

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Published : Mar 8, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 5:21 PM IST

गढ़वा: झारखंड सरकार ने मई में 10वीं और 12वीं की परीक्षा की घोषणा कर दी है, जबकि सिलेबस अभी भी अधूरा है. सरकार ने सिलेबस में 40 प्रतिशत की कटौती कर दी है लेकिन 4 माह में 60 प्रतिशत सिलेबस को पूरा करना शिक्षकों के लिए बड़ी चुनौती है. जिसे वे पूरा करने में जुटे हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.

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ऑनलाइन एजुकेशन से 70 प्रतिशत बच्चे रहे वंचित

कोरोना महामारी को लेकर देश में लगे लॉकडाउन से वैसे तो सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं लेकिन इसका व्यापक प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है, नौ माह तक शैक्षणिक संस्थानें बंद रहीं. विद्यार्थी भी घरों में कैद रहे. सरकार ने ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था दी, लेकिन 30 प्रतिशत बच्चे भी इसका लाभ नहीं ले सके.

इसका कारण गरीब बच्चों के घर में एंड्राइड मोबाइल का अभाव और ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क का नहीं होना है. ऐसे बच्चों की संख्या 70 प्रतिशत से भी ज्यादा है जो बच्चें ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े वे भी पढ़ाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिखे.

सरकार ने 40 प्रतिशत सिलेबस को किया कम

झारखंड सरकार ने मैट्रिक और इंटर के मुख्य परीक्षा का सिलेबस 40 प्रतिशत कम कर दिया है. 21 दिसंबर से 10वीं और 12वीं के सेटअप विद्यार्थियों के लिए विद्यालय खोल दिए लेकिन महज चार माह में 60 प्रतिशत सिलेबस को पूरा करना आसान नहीं रहा. सामान्य स्थिति में एक माह में लगभग आठ प्रतिशत सिलेबस पूरा करना होता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद खुले शिक्षण संस्थानों को मात्र चार माह में 60 प्रतिशत सिलेबस पूरा करने का टास्क दे दिया गया.

प्रिंसिपल, शिक्षक और तैयारी में लगे बच्चों की राय

गढ़वा जिले के प्रमुख विद्यालय गोविंद प्लस टू विद्यालय और बालिका उच्च विद्यालय गढ़वा के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों, परीक्षा की तैयारी में लगे 10वीं और 12वीं के बच्चों की राय ली गयी. इसका निचोड़ मुख्य रूप से यही रहा कि विद्यालय प्रधान शिक्षकों से सिलेबस पूरा कराने में जुटे हैं.

वहीं शिक्षक महत्वपूर्ण टॉपिक, मॉडल क्वेश्चन पर फोकस कर रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा होमवर्क देकर बच्चों को ज्यादा समय तक पढ़ाई से जोड़े रख रहे हैं. बच्चों ने भी कहा कि इस बार की परीक्षा उतीर्ण होने के लिए वे पूरी तरह अपने गुरुजनों के मार्गदर्शन में तैयारी कर रहे हैं. आशा है उनकी सफलता कोरोना काल को परास्त करेगी और विपरीत परिस्थिति में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का नया फार्मूला मिलेगा.

Last Updated : Mar 8, 2021, 5:21 PM IST

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