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गढ़वाः संवेदनहीन व्यवस्था की शिकार महिला ने बेटे को दिया जन्म, ईटीवी भारत की पहल के बाद हो सका इलाज - गरीब मुसहर महिला का इलाज गढ़व

गढ़वा सदर अस्पताल में एक गरीब दलित गर्भवती महिला इलाज के अभाव में घंटों तड़पती रही. अस्पताल के पार्किंग एरिया में कड़ाके की ठंड में प्रसव पीड़ा झेलती बेबी को देखने वाला कोई नहीं था. इसके बाद ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने मानवता दिखते हुए इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी. जिसके बाद उसका इलाज किया गया.

insensitivity at Garhwa Sadar Hospital
पीड़िता

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Published : Dec 13, 2019, 3:16 PM IST

गढ़वाः एक तो गरीबी की मार दूसरी ओर प्रसव की वेदना और उससे भी ज्यादा पीड़ा देती संवेदनहीन व्यवस्था, इन सब को एक साथ झेलते हुए आखिरकार गरीब दलित महिला बेबी ने एक बेटे को जन्म दिया है. गढ़वा सदर अस्पताल में कड़ाके की ठंड में पार्किंग एरिया के फर्श पर दर्द से तड़पती बेबी के इलाज से अस्पताल प्रशासन ने इनकार कर दिया. उसे रांची जाने की बात करते हुए प्रसूति वार्ड से भगा दिया गया. बाद में सिविल सर्जन के आदेश पर पीड़िता को दोबारा प्रसूति कक्ष में भेजा गया.

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बता दें कि गरीब महिला बेबी वंशीधर नगर के मर्चवार गांव की रहने वाली है. उसे प्रसव पीड़ा होने के बाद सदर अस्पताल लाया गया था. जहां वह दर्द से कराह रही. उसकी जांच के बाद प्रसूति विभाग से उसे रांची जाने की बात कहकर भगा दिया गया. पीड़िता के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी नहीं की गई. कड़कती ठंड में पीड़िता फर्श पर लेटी, दर्द से बेचैन हो रही. हालांकि ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी. जिसके बाद शाम करीब सात बजे पीड़िता को दोबारा प्रसूति वार्ड लाया गया. जहां से उसे डालटनगंज रेफर कर दिया गया. इसके साथ अस्पताल प्रबंधन ने108 एम्बुलेंस की व्यवस्था भी कराई.

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बेबी की सास कबूतरी देवी और उसके सहयोगी महिलाएं गढ़वा में ही भीख मांग कर खाने-पीने का जुगाड़ करती हैं. परिजनों ने बताया कि उसकी बहू ने बेटे को जन्म दिया है. वहीं, गढ़वा सदर अस्पताल में पीड़िता का इलाज नहीं करने की जानकारी पर सिविल सर्जन डॉ एनके रजक ने कहा कि कुछ कन्फ्यूजन हो गया होगा. बाद में इलाज किया गया.

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