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गढ़वाः सोशल मीडिया पर तस्वीर पोस्ट करने से अधिवक्ता नाराज, मंत्री से मिले प्रोत्साहन राशि को लौटाने का लिया फैसला - गढ़वा न्यूज

गढ़वा व्यवहार न्यायायलय के युवा अधिवक्ता आशीष दुबे ने प्रोत्साहन राशि लेते हुए वाली तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल किए जाने पर अपने आप को अपमानित महसूस करते हुए राशि को अधिवक्ता संघ को वापस करने का निर्णय लिया है. साथ ही तस्वीर वायरल करने वाले गढ़वा के विधायक सह झारखंड के पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की पोस्ट का खंडन किया है.

Outraged advocate decides to return incentive when photo released on social media
सोशल मीडिया पर तस्वीर जारी करने पर अपमानित अधिवक्ता ने प्रोत्साहन राशि लौटने का लिया निर्णय

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Published : Apr 23, 2020, 7:01 PM IST

गढ़वा: मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कोरोना महामारी के मद्देनजर जिला अधिवक्ता संघ को 87,500 रुपये की सहयोग राशि प्रदान की थी. अधिवक्ता संघ ने इस राशि का वितरण पांच वर्ष और उससे कम दिनों से प्रैक्टिस कर रहे सभी 35 अधिवक्ताओं के बीच वितरित कर दिया. मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने संघ द्वारा अधिवक्ताओं के बीच बांटे जा रहे चेक की तस्वीर को अपने ट्विटर पर शेयर कर दिया. पोस्ट में मंत्री ने लिखा कि वह लॉकडाउन में दिक्कतों का सामना कर रहे 35 युवा अधिवक्ताओं को अपने व्यक्तिगत कोष से 2500-2500 रुपये का सहयोग प्रदान कर रहे हैं.

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सहयोग प्राप्त करने वाले अधिवक्ताओं में युवा अधिवक्ता आशीष दुबे भी शामिल थे. उन्होंने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के ट्विटर पर प्रत्साहन राशि लेते अपने तस्वीर को देखकर अपमानित महसूस किया. उन्होंने न सिर्फ मंत्री के पोस्ट का खंडन किया बल्कि अधिवक्ता संघ गढ़वा के अध्यक्ष और सचिव को पत्र लिखकर अपना विरोध प्रकट किया. पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया और अन्य मीडिया में फ़ोटो प्रकाशित कराकर अधिवक्ताओं को अपमानित किया जा रहा है. इसपर उचित कार्रवाई होना चाहिए.

अधिवक्ताओं ने पत्र में कहा है कि अपने स्वाभिमान और सम्मान को ध्यान में रखते हुए जिला अधिवक्ता संघ गढ़वा से प्राप्त 2500 रुपये वापस कर रहा हूं. इस बारे में अधिवक्ता आशीष दुबे ने कहा कि संघ को दी जाने वाली सहयोग राशि निसन्देह उत्कृष्ट कार्य है. लेकिन सहयोग प्राप्त करने वाले अधिवक्ताओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर डालकर अपमानित करना निष्कृष्ट कार्य है. यही कारण है कि उन्होंने प्रोत्साहन राशि को लौटने का निर्णय लिया है.

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