गढ़वा: जिले के डंडई प्रखंड के बालेखाड़ का कामेश्वर राम महाराष्ट्र के औरंगाबाद के दही गांव में मजदूरी करता था. बतौर कामेश्वर लॉकडाउन में कंपनी की ओर से खाना बंद कर दिया गया. पानी, बिजली, रूम का किराया देना मुश्किल हो गया था. किसी तरह उसने एक साइकिल की व्यवस्था की. 18 अप्रैल को वहां से घर के लिए प्रस्थान किया.
महाराष्ट्र से 1300 किलोमीटर साइकिल चलाकर गढ़वा पहुंचा मजदूर, ग्रामीणों ने घर में घुसने से रोका - labour reached garhwa
अपनों से मिलने की तड़प क्या होती है. इसका उदाहरण गढ़वा में तब देखने को मिला जब एक मजदूर साइकिल की सवारी कर मुंबई से गढ़वा पहुंच गया. गांववालों ने उसके इस साहस को नमन किया, लेकिन उसे घर के अंदर घुसने से रोक दिया. उसके रहने की व्यवस्था अलग एक जगह की गई और इसकी सूचना प्रशासन को दी गई.
महाराष्ट्र से गढ़वा पहुंचा मजदूर
14 दिनों तक साइकिल चलाकर वह लगभग 1300 किलोमीटर दूरी तय कर एक मई की रात्रि करीब साढ़े 11 बजे अपने गांव पहुंचा. गांववालों को पहले ही उसके आने की जानकारी थी. वह उसका इंतजार कर रहे थे. कामेश्वर जब गांव पहुंचा तो लोगों ने उसके साहस को नमन किया. साथ ही कोरोना महामारी के मद्देनजर उसे घर में घुसने से रोक दिया. उसके लिए गांव के किनारे एक घर के बरामदे में ठहरने की व्यवस्था की गई. इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गई.
Last Updated : May 23, 2020, 3:55 PM IST