झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

Ghatshila News: फूलों की खेती से महक उठी यशोदा के जीवन की बगिया, हर माह 12 हजार रुपए की हो रही आमदनी

घाटशिला की ऐसी महिला किसान जिन्होंने पारंपरिक खेती से अलग फूलों की खेती कर अपने जीवन की बगिया में खुशबू बिखेर रही हैं. क्षेत्र में अब इस महिला किसान की पहचान प्रगतिशील किसान के रूप में हो रही है.

http://10.10.50.75//jharkhand/26-May-2023/jh-eas-01-flowers-farming-image-jhc10017_26052023174900_2605f_1685103540_974.jpg
Cultivation Of Flowers In Ghatshila

By

Published : May 26, 2023, 9:30 PM IST

घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम:जिले के बोड़ाम प्रखंड की रसिकनगर पंचायत अंतर्गत ग्राम शुक्ला निवासी यशोदा महतो सब्जी की खेती के साथ-साथ फूल की खेती कर अच्छी आमदनी कर रही हैं. पहली बार व्यवसायिक दृष्टिकोण से उन्होंने 0.7 एकड़ में गेंदा फूल की खेती शुरू की था. अब इससे हर माह करीब 12 हजार रुपए की आमदनी यशोदा को हो रही है. परंपरागत अनाज और सब्जियों की खेती से हटकर फूलों की खेती कर महिला किसान यशोदा महतो की पहचान आज एक प्रगतिशील किसान के रूप में इलाके में हो गई है.

ये भी पढे़ं-Jamshedpur News: फूलों की खेती कर दूसरों को प्रेरित कर रही महिला, किसान गोष्ठी से हासिल की तकनीक

उद्यान विभाग से मिले पौधे और तकनीकी प्रशिक्षणः महिला किसान यशोदा महतो बताती हैं कि बोड़ाम प्रखंड के उद्यान मित्र से सबसे पहले उद्यान विकास योजना के बारे में जानकारी मिली. खेती-किसानी में मेरी रुचि को देखते हुए उन्होंने फूलों की खेती करने के लिए मुझे प्रोत्साहित किया. इसमें कितना मुनाफा हो सकता है और बाजार में फूलों की क्या मांग है इस पर जानकारी दी तो फूलों की खेती करना ही सही विकल्प लगा. उद्यान विभाग से ही फूलों की खेती के लिए मुझे पौधे उपलब्ध कराए गए. साथ ही प्रशिक्षण भी मिला. आगे इसे और विस्तार देने की योजना पर भी काम कर रही हूं.

हर सप्ताह 150 से 200 किलो फूलों की करती हैं बिक्रीः शादी-ब्याह या कोई भी खुशी का पर्व हो या अन्य आयोजनों में भी गेंदा फूल की डिमांड तो रहती ही हैं. यशोदा कहती हैं कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ कि फूल घर में कभी सड़े हों. उन्होंने कहा कि फूलों की बिक्री करने में कभी कोई दिक्कत नहीं होती है. साथ ही सालों भर फूलों की मांग रहती है. उन्होंने बताया कि प्रति सप्ताह लगभग 150-200 किलो फूल खेत से निकलता है, जिससे तीन हजार रुपए से अधिक की आमदनी हो जाती है. यशोदा कहती हैं कि गेंदा फूल की खेती से आर्थिक और सामाजिक परिस्थिति तो जरूर बदली है, इससे काफी खुश हूं और अन्य महिला किसानों को भी फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने का हमेशा प्रयास करती हूं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details