घायल की मदद करते मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर:झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक बार फिर दरियादिली दिखायी है. बहरागोड़ा से जमशेदपुर लौटने के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता ने सड़क पर पड़े दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को देख उसे खुद से उठाकर कर अपने स्कॉट वाहन से अस्पताल भिजवाया. साथ ही एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक को घायल की जानकारी दी.
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मंत्री बन्ना गुप्ता ने मानवता की मिसाल पेश कीःजानकारी के अनुसार जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के कांग्रेस विधायक सह झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सोमवार को बहरागोड़ा से जमशेदपुर लौट रहे थे. इस दौरान उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को स्वयं उठाकर अपनी स्कॉट जिप्सी से एमजीएम अस्पताल भिजवाया. मंत्री ने काफिला को रोककर खुद से घायल की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की है.
सोमवार सुबह बहरागोड़ा से लौट रहे थे मंत्रीःदरअसल 8 अक्टूबर को बहरागोड़ा में स्वास्थ्य मंत्री का जनता दरबार था. देर शाम होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री अपने काफिले के साथ बहरागोड़ा में ठहर गए थे. 9 अक्टूबर की सुबह जमशेदपुर लौटने के दौरान उन्होंने देखा कि सड़क दुर्घटना में एक घायल व्यक्ति सड़क पर पड़ा हुआ है. मंत्री ने सड़क पर घायल को तड़पता देखकर अपना काफिला रुकवाया और वाहन से नीचे उतर कर घायल की मदद की.
स्कॉट जिप्सी से घायल को भिजवाया अस्पतालःस्वास्थ्य मंत्री ने खुद स्कॉट में शामिल पुलिस कर्मियों को तुरंत एंबुलेंस बुलाने को कहा, लेकिन घायल की हालत को देखते हुए उन्होंने खुद से घायल को उठाकर अपने स्कॉट वाहन में सुला दिया. इसके बाद स्कॉट जिप्सी से ही घायल को एमजीएम अस्पताल भिजवाया. उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को भी घायल के साथ भेज दिया और वायरलेस पर इमरजेंसी अलर्ट करवा कर घायल को रवाना किया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक को फोन पर घायल की सूचना देते हुए हर परिस्थिति के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया.
पहले भी मंत्री बन्ना गुप्ता सड़क दुर्घटना में घायलों की कर चुके हैं मददःइधर, मौके पर मौजूद लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की तारीफ की. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भी रांची के बेड़ो में सड़क दुर्घटना में घायल को देख स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रास्ते में रूककर घायल को रिम्स भिजवाया था. वहीं घायल का तुरंत इलाज शुरू होने से उसकी जान बच गई थी. इससे पहले लोहरदगा और चांडिल में भी गुजरने के क्रम में उन्होंने काफिला रुकवा कर घायलों की मदद की थी.