घाटशिला: पूर्वी सिंहभूम के मुसाबनी प्रखंड के फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत अंतर्गत एक आंगनबाड़ी केंद्र में मंगलवार को एक्सपायरी रेडी टू ईट खाना खाने से 6 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद आनन-फानन में सभी बीमार बच्चों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल भेजा गया.
समाजकल्याण विभाग की ओर से शुरू की गई रेडी टू फूड योजना के तहत दी जाने वाली खाद्य सामग्री के सेवन से फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे बीमार हो गए. मंगलवार को जब बच्चे आंगनबाड़ी में पढ़ने पहुंचे तो रोज की तरह आंगनबाड़ी सेविका ने बच्चों को रेडी टू ईट खाने के लिए दी. बच्चों को इस खाद्य सामग्री खाने के कुछ ही देर बाद पेट में दर्द और उल्टी के साथ-साथ चक्कर आने लगे. जिसके बाद आनन-फानन में 108 एंबुलेंस बुलाकर बच्चों को मुसाबनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. इधर इस घटना की जानकारी घाटशिला विधायक लक्ष्मण टुडू और पूर्व विधायक रामदास सोरेन को जैसे ही मिली, वे बच्चों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी ली.
इधर, घटना को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पर गए थे और आंगनबाड़ी कर्मी ने उन बच्चों को खाने के लिए रेडी टू ईट दिया. बच्चों को रेडी टू ईट खाने के कुछ ही देर बाद बच्चे आंगनबाड़ी उल्टी करने लगे. इसको लेकर जब आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मी से पूछा गया तो उसने कहा कि हम बच्चों को रोज की तरह रेडी टू ईट खाने के लिए दिए थे. जब उस आंगनबाड़ी सेविका ने रेडी टू ईट का पैकेट दिखाया तो सब आश्चर्यचकित रह गए, क्योंकि रेडी टू ईट एक्सपायर हो चूका था. दिखाए गए रेडी टू ईट पैकेट में 14 .10.2019 की एक्सपायर तिथि अंकित था.
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अस्पताल पहुंचे पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार और आंगनबाड़ी सेविका के इस तरह के लापरवाही के कारण मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस तरह के लापरवाही से किसी की भी जान भी जा सकती है. इस तरह के मामलों में सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए. बता दे कि समाज कल्याण विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए भी रेडी टू ईट फुड दिया जाता है.