जमशेदपुरः गुदड़ी का ऐसा लाल जिसके पास ना कोई विशेष तकनीकी ज्ञान हैं और न ही कोई विशेष सुविधा. इसके बावजूद भी इसने अपने सपने को साकार किया और बल्ब ब्वॉय के नाम से मशहूर हो गया.
पश्चिम सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा से 40 किलोमीटर सुदूर गांव के रामदेव को सभी बल्ब आविष्कारक के रूप में जानते हैं. ग्रामीणों के लिए यह बल्ब किसी वरदान से कम नहीं है. कभी दिये की रोशनी में पढ़ाई करने वाले रामदेव ने देश के कई मल्टीनेशनल कंपनियों को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने पर मजबूर कर दिया है. रामदेव ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. प्रतिभावान रामदेव घरों में जाकर इमरजेंसी लाइट बेचते थे. रामदेव ने एक नया आविष्कार करते हुए हाथ के छूने से जलने वाली बल्ब बना डाली.
रिमोट से भी जल उठते हैं सारे बल्ब
एक बल्ब से ही 3 वाट, 9 वाट, और 12 वाट की रोशनी जलती हैं. इतना ही नहीं एक छोटे से कमरे में लगी सभी बल्ब रिमोट से भी जल उठती है. रामदेव कहते हैं अब तक 50 हजार से ज्यादा बल्ब बनाया है. बल्ब ब्वॉय ने इसका नाम मैजिक बल्ब रखा है. लाइट जाने के बाद भी मैजिक बल्ब 3 घंटे तक रोशनी देती है. यह एक बैट्री से संचालित होती है. एक बल्ब की कीमत 60 रूपए है.
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रामदेव की पत्नी पॉली ने बताया कि रामदेव काम करते वक्त समय का हिसाब नहीं रखते. जब तक काम खत्म ना हो जाए तब तक लगे रहते हैं. पूरी लगन से काम करते हैं. काम पूरा करने के बाद ही चैन की सांस लेते हैं. वह बताती हैं कि पहले गांव में बिजली नहीं रहने से पढ़ाई में दिक्कत होती थी, जिसके बाद रामदेव ने कुछ अलग करने का सोचा.
वहीं, रामदेव सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि ग्रामीण सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बल्ब का वितरण किया जाए. जिससे लोगों को भरपूर फायदा पहुंचे. रामदेव चाहते हैं कि सरकार खुद इस बल्ब को कम पैसों में गरीबों को मुहैया करवाएं.