जमशेदपुर: जमशेदपुर में दुर्गा पूजा 2022 (Durga Puja 2022) धूमधाम से मनाया जा रहा है. शहर में पूजा कमेटियों की ओर से आकर्षक पंडाल और मेले का आयोजन किया गया है. इधर घाघीडीह स्थित सेंट्रल (Ghaghidih Central Jail) जेल में भी मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जा रही है. जेल परिसर को अंदर और बाहर भव्य तरीके से सजाया गया है. जेल परिसर के अंदर बनाए गए पूजा पंडाल में मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कार्तिक की मूर्ति स्थापित की गई है. वहीं जेल में कई बंदियों ने नवरात्र का उपवास भी रखा है. जिसके लिए जेल प्रशासन की ओर से पूरा इंतजाम किया गया है.
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मालूम हो कि जेल के सफाईकर्मी से लेकर जेल अधीक्षक सभी के दो दिन के वेतन से हर साल दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. इस दौरान प्रतिदिन बंदियों में भोग का वितरण किया जाता है. जेल के हवलदार विजेंद्र सिंह ने बताया कि जेल के अंदर बंदी कलश स्थापना कर पूजा करते हैं. इसकी विशेष व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान घाघीडीह सेंट्रल जेल परिसर में श्रद्धालु भोग लेने भी जाते हैं. उन्होंने कहा कि 'हम मां से यही प्रार्थना करते हैं कि समाज से बुराई का अंत हो और सब खुशहाल रहे.
Durga Puja 2022: घाघीडीह सेंट्रल जेल में विराजीं मां दुर्गा, बंदियों ने रखा नवरात्र का उपवास
जमशेदपुर के अन्य जगहों की तरह घाघीडीह सेंट्रल जेल (Ghaghidih Central Jail) में भी दुर्गा पूजा 2022 की धूम है. घाघीडीह सेंट्रल जेल में दुर्गा पूजा (Durga Puja 2022) धूमधाम से मनाया जा रहा है. जेल में कई बंदियों ने नवरात्र का उपवास भी रखा है.
इसके अलावा जमशेदपुर के कदमा गणेश पूजा मैदान में दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन किया गया है. इस बार उत्कल दुर्गा पूजा कमेटी ने पंडाल (Durga Puja 2022 Pandal in Jamshedpur) को भुवनेश्वर के मुक्तेश्वर मंदिर जैसा रूप दिया है. पंडाल की खूबसबरती लोगों को आकर्षित कर रही है. वहीं, मां दुर्गा की प्रतिमा भी बेहद खुबसूरत है. पंडाल के चारो ओर बनाए गए घेरा में ओडिशा के सभी मंदिरों के तस्वीर लगाए गए हैं. कमेटी के संरक्षक विभूति भूषण ने कहा कि पिछले दो सालों से कोरोना के कारण पूजा समान्य तरीके से किया जा रहा था लेकिन, इस बार कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं. वहीं, पूजा कमेटी के भी 75 साल पूरे हुए हैं. जिसके कारण इस बार पूजा का आयोजन काफी धूमधाम से किया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि यहां दुर्गा पूजा पूरी तरह ओड़िया रिती रिवाज से किया जाता है. मां की पूजा के लिए पंडित ओडिशा से बुलाए जाते हैं. यही नहीं प्रसाद के रूप में कर्निका बनाया जाता है.