जमशेदपुर: शहर में नदी किनारे तटीय इलाकों में चक्रवात तूफान का असर(cyclone yaas effect) पड़ा है. भारी बारिश होने के कारण खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से कई घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. 26 और 27 मई की भारी बारिश के कारण बागबेड़ा खरकई नदी किनारे बसे बस्ती डूबने के बाद 28 मई को राहत मिली है. नदी का जलस्तर कम हो रहा है. बस्तियों से बाढ़ का पानी निकल चुका है. बस्ती वाले अपने घरों को लौट रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग पहुंचा रहा राहत
बाढ़ के बाद महामारी ना फैले इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया है. बीमार लोगों के लिए मेडिकल कैंप लगाकर उनका इलाज किया जा रहा है और दवाएं दी जा रही हैं. आपदा की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ित बस्ती वालों को राहत पहुंचाने के लिए यूसीआईएल की सीआईएसएफ की टीम ने भोजन की व्यवस्था की है. बस्ती में घूम-घूम कर लोगों को भोजन दिया गया है.
बाढ़ पीड़ितों ने क्या कहा
बागबेड़ा नया बस्ती में बाढ़ पीड़ित सुरेंद्र पंजारा बताते है कि घर का सारा सामान बर्बाद हो गया है. सुबह से साफ-सफाई में लगे है. इस बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. वहीं, संजू देवी किराए के मकान में रहती है. बाढ़ की चपेट में उनका भी घर आ गया है. उनका कहना है कि घर का सामान नष्ट हो गया है. घर में अनाज भी नहीं है. 60 वर्षीय सरोज रजक भी बताते है कि एक तरफ कोरोना का डर और अब बाढ़ से तबाही सब कुछ बर्बाद हो गया है.
बहरहाल, बाढ़ पीड़ित फिर से अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की तैयारी में जुट गए हैं लेकिन एक तरफ कोरोना का लॉकडाउन और फिर यास तूफान के कारण उनकी जिंदगी की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिसे संवरने में वक्त लगेगा.