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शिलापट्ट विवाद: भाजपा और भाजमो आमने-सामने, एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

जमशेदपुर में शिलापट्ट तोड़ने के मामले में आरोपों का दौर जारी है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनता मोर्चा आमने-सामने है. दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए.

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भाजपा और भाजमो आमने- सामने

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Published : Feb 20, 2021, 9:22 AM IST

जमशेदपुर: बर्मामाइंस के रघुवर नगर में पूर्व विधायक के शिलापट्ट तोड़ने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामला अब पूरी तरह से राजनीतिक रुप ले चुका है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और भारतीय जनता मोर्चा आमने-सामने है. इस मामले में दोनों दलों से कोई भी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है. अब दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं.

भाजपा और भाजमो आमने-सामने

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सरयू राय पर लगाए गंभीर आरोप

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी रामबाबू तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता मोर्चा ने अपराधियों को ही पार्टी में जगह दी है. उन्होंने विधायक सरयू राय पर भी अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बारीडीह में कोविड-19 के समय भाजपा कार्यकर्ता और अधिवक्ता प्रकाश यादव की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के मामले में पुलिस ने सरयू राय पार्टी के मंडल अध्यक्ष अमूल्य कर्मकार को गिरफ्तार किया था. जिससे पता चलता है कि सरयू राय सिर्फ अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. उन्होंने भारतीय जन मोर्चा को हाल ही में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने अमित शर्मा पर आपराधिक छवि होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्हें इन लोगों से जान का खतरा बना हुआ है, अगर मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए भारतीय जनता मोर्चा के लोग जिम्मेदार होंगे.

भारतीय जनता मोर्चा ने भी किया पलटवार

वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल एसएसपी से मिला और रामबाबू तिवारी के खिलाफ अपराधियों को संरक्षण देने की शिकायत करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. इस संबंध में भारतीय जनता मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी लोगों को डरा धमका कर जमीन को खरीदने बेचने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि रामबाबू का राजनीतिक और अपराध का गहरा गठजोड़ है.

उदाहरण देकर उन्होंने आरोप लगाया कि कदमा के रहने वाले राजीव राम ने अपने बयान में कहा था कि 2019 में वह और सुधीर दुबे जेल से निकले और फिर रामबाबू तिवारी के पैतृक आवास पर ठहरे. रामबाबू तिवारी के आवास से वापस लौटने के दौरान पुलिस की गाड़ी चेकिंग में अवैध हथियार के साथ पकड़ा गया. इसके अलावा भी कई आरोप रामबाबू पर हैं.

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