दुमका: जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुरूम कार्ड गांव में गंभीर पेयजल संकट है, जिसके कारण वहां के निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आदिवासी बाहुल्य बस्ती में साल भर लोग जोरिया का पानी पीने को मजबूर हैं.
ग्रामीण मेरी हेमराम का कहना है कि पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यह जानते हुए भी कि जोरिया का गंदा पानी पीने से बीमार पड़ सकते हैं फिर भी अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी पीते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जब से होश संभाला है. इसी जोरिया का पानी पी रहे हैं. चुनाव के वक्त नेताजी आते हैं, समाधान का भरोसा देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उलट कर कभी गांव नहीं आते हैं.
बीते 70 वर्षों में यह एकमात्र जलपान लगाया गया है. भीषण गर्मी में जलपान चलाना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है. पूर्वजों द्वारा बनाया गया एक छोटा सा कुआं इस बात का गवाह है कि शुरू से इस गांव में पेयजल संकट व्याप्त है लेकिन अब वह कुआं पूरे गांव की प्यास बुझाने में सक्षम नहीं है. प्रशासन के लोग कभी गांव आते नहीं हैं और जनप्रतिनिधि चुनाव के बाद आश्वासन तो जरूर देते हैं लेकिन चुनाव जीते ही भूल जाते हैं
मूलभूत समस्या का नहीं हो रहा समाधान