दुमका: संथाल परगना में कोयला और पत्थर के उत्खनन कर लाखों-करोड़ों की आमदनी प्राप्त करने वाली माइनिंग कंपनियां सरकारी राजस्व चुकाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. यही कारण है कि प्रमंडल के 6 जिलों दुमका, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा में माइनिंग कंपनियों के 783 करोड़ का खनन राजस्व बकाया है.
संथाल परगना प्रमंडल के खान उपनिदेशक अशोक कुमार रजक ने कहा कि प्रमंडलीय क्षेत्र के 6 जिलों में कोयला और पत्थर का उत्खनन करने वाली माइनिंग कंपनियों का 782 करोड़ 59 लाख रुपए का बकाया हो चुका है. उन्होंने बताया कि बड़े बकायेदारों में पाकुड़ में संचालित पैनम कोल माइंस है. जिनके पास खनन विभाग के अलग-अलग हेड के लगभग 700 करोड़ रुपया का बकाया है. वहीं बंगाल एम्टा कोल माइंस नाम की कमानी के पास 55 करोड़ और इसके साथ ही कई अन्य कंपनियों के पास कई करोड़ का बकाया है.
बकाया वसूली के लिए चल रही है कानूनी कार्रवाई