दुमका:झारखंड की उपराजधानी दुमका में एक ट्रेनी आईएफएस अधिकारी प्रबल गर्ग और दुमका टाउन थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने मानवता का परिचय देते हुए मिसाल कायम की है. दरअसल, जिला में एक गरीब आदिवासी परिवार में दो भाई-बहन थैलिसीमिया पीड़ित हैं. उनकी जान बचाने के लिए अधिकारी प्रबल गर्ग और प्रभारी नीतीश कुमार ने उन्हें अपना ब्लड दिया (saved two children lives by donating blood). उनके इस महादान की प्रशंसा चहुंओर हो रही है.
दुमका के आईएफएस अधिकारी और नगर थाना प्रभारी ने कामय की मिसाल, ऐसे बचाई दो बच्चों की जान - Jharkhand News
दुमका में एक आईएफएस अधिकारी और नगर थाना प्रभारी ने ऐसा महान काम किया है कि पूरे जिले में इनकी प्रशंसा हो रही है. दोनों ने अपना-अपना रक्तदान कर दो बच्चों की जान बचाई है (saved two children lives by donating blood). दोनों बच्चे थैलिसीमिया से पीड़ित हैं.
क्या है पूरा मामला: दुमका के मसलिया थाना क्षेत्र के कोलाबगान गांव के रहने वाले बाबूलाल मुर्मू का सात वर्षीय पुत्र नागेश्वर और नौ वर्षीय पुत्री संगीता दोनों थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं. दोनों बच्चे का हीमोग्लोबिन अत्यंत कम मापा गया. नागेश्वर का 4 ग्राम और संगीता का 5 ग्राम हीमोग्लोबिन मापा गया. बच्चों की स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PJMCH-Phulo Jhano Murmu Medical College and Hospital) में भर्ती कराया गया. नागेश्वर को A पॉजिटिव और संगीता को O पॉजिटिव रक्त की जरूरत थी. नागेश्वर का पेट भी काफी फूल गया था. डॉक्टर ने ईलाज शुरू की तो दोनों को रक्त चढ़ाना आवश्यक था. इधर ब्लड बैंक में ये रक्त उपलब्ध नहीं थे. बीमार बच्चे के पिता काफी परेशान होने लगे.
समाज से मांगी मदद: परिजनों ने ब्लड व्यवस्था के लिए हमेशा आगे आने वाले सौरभ से संपर्क किया. सौरभ ने कई लोगों से इस संबंध में बात की तो दुमका नगर थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने इस बच्चे के लिए एक यूनिट A पॉजिटिव ब्लड डोनेट कर उसकी जान बचाई और संगीता मुर्मू के लिए प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा अधिकारी प्रबल गर्ग (IFS Officer) ने ब्लड बैंक आकर एक यूनिट O पॉजिटिव ब्लड डोनेट किया. इस दौरान दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो भी मौजूद थे.
लोगों से आगे आने की अपील की: सभी पदाधिकारी ने जरूरमंद रोगियों के सहयोग हेतु समाज के सभी तबके के लोगों से आगे आने की अपील की और रक्तदान से होने वाले फायदे को बताया कि नियमित अंतराल तीन महीने में सभी को रक्तदान करना चाहिए. इधर बच्चे के माता पिता ने सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया.