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Crime News Dumka: दुमका में फर्जी माइनिंग चालान बनाने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार, 500 रुपए में उपलब्ध करा देते थे ट्रक चालाकों को चालान

दुमका में एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. ऐप के माध्यम से फर्जी माइनिंग चालान उपलब्ध कराने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से कई लैपटॉप, मोबाइल आदि बरामद किया गया है.

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Gang Arrested For Making Fake Mining Invoices

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Published : Apr 18, 2023, 10:21 PM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका में मोबाइल ऐप XODO के माध्यम से फर्जी माइनिंग चालान बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. मामले में कुल आठ आरोपियों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से चार आरोपियों को दुमका पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार सभी आरोपी सरकारी राजस्व को चूना लगाकर मालामाल हो रहे थे.

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प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कारवाई में हुआ उद्भेदन: दरअसल, 16 अप्रैल की रात प्रशासन और पुलिस की टीम संयुक्त रूप से स्टोन चिप्स लदे ट्रकों की जांच कर रही थी. इसी क्रम में एक ट्रक चालक स्टोन चिप्स लेकर जा रहा था. जब चालक से माइनिंग चालान की मांग कर उसकी जांच की गई तो उसका चालान फर्जी पाया गया. प्रशासन की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया और उससे पूछताछ की तो चालक ने बताया कि काठीकुंड प्रखंड में एक लाइन होटल के सामने एक व्यक्ति से उसने यह माइनिंग चालान 500 रुपए में खरीदा था. चालक की निशानदेही पर पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि इस गोरखधंधे में शामिल लोगों का एक बड़ा नेटवर्क है.

फर्जी चालान बनाने में मोबाइल ऐप XODO को करते थे इस्तेमालः मोबाइल ऐप XODO के माध्यम से फर्जी माइनिंग चालान बनाकर बिक्री की जा रही थी. पुलिस हिरासत में युवक ने कई और लोगों के नाम बताए जो फर्जी चालान बनाने के गोरखधंधे में शामिल हैं. उसकी निशानदेही पर दो लैपटॉप जब्त किया गया, जिससे फर्जी माइनिंग चालान तैयार कर प्रिंट लिया जाता था. साथ ही पुलिस ने कई मोबाइल भी बरामद किया. ट्रक चालक आलोक कुमार और माइनिंग चालान बेचने वाले लखन पाल को साथ लेकर पुलिस ने कई जगह छापेमारी की. दोनों की निशानदेही पर परमेश्वर मंडल और दिवाकर कुमार भगत को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही यह भी पता चला कि रवि भगत, लक्ष्मण प्रसाद भगत, प्रदीप पाल, टीपू खान, आलमगीर खान और दीप सरकार भी इस धंधे में शामिल हैं.

राजस्व को नुकसान पहुंचा कर हो रहे थे मालामाल: फर्जी माइनिंग चालान को बनाकर यह गोरखधंधा करने वाले खुद मालामाल हो रहे थे और सरकारी राजस्व को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे.इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू ने बताया कि स्टोन चिप्स लदे सामान्यतः एक ट्रक को पांच से छह हजार रुपए का माइनिंग चालान कटाना पड़ता है, लेकिन यह फर्जी चालान वाले महज 500-600 रुपए उपलब्ध करा देते थे. फर्जी माइनिंग चालान बनाने में महज 10-20 रुपए खर्च आता था.

क्या कहते हैं एसडीपीओ:इस पूरे मामले पर दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने कहा कि फर्जी माइनिंग चालान बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. अभी गहन अनुसंधान जारी है. जिसमें कई नाम सामने आए हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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