दुमका: जिले में पिछले दो वर्षों से बारिश कम होने से जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस संकट से निपटने के लिए पेयजल विभाग ने चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया था कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए निविदा निर्गत की अनुमति दी जाए.
पेयजल संकट का निवारण, देखें पूरी रिपोर्ट शहर में जल संकट से निवारण के लिए चुनाव आयोग ने आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए पेयजल विभाग को जलापूर्ति के समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें अनुमति दी है. 4 अप्रैल को चुनाव आयोग की स्वीकृति देने के बाद तीन 12 अप्रैल को विभाग के मुख्यालय से भी इस प्रक्रिया को पूरा करने का दुमका पेयजल विभाग को पत्र भेजा गया है. यह मामला टेंडर प्रक्रिया में चला गया है.
दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों में बने वैसे 59 मिनी जलापूर्ति प्लांट के मरम्मति की अनुमति दे दी गई है, जो ठप पड़ी हुई है. किसी प्लांट का सोलर सिस्टम खराब है, तो किसी का मोटर जला हुआ है. चुनाव आयोग से स्वीकृति प्रदान होने के बाद सभी 59 प्लांट के लिए पेयजल विभाग टेंडर निकालने जा रहा है.
बनेंगे 838 चापाकल और 500 चापाकल को होगा मरम्मत
ग्रामीण क्षेत्र में बने वैसे 838 चापाकल जो अब बिल्कुल समाप्त हो चुके हैं उन सब स्थानों पर नए चापाकल लगाने और 500 की मरम्मति की भी अनुमति चुनाव आयोग ने दी है. पेयजल विभाग के अभियंता ने बताया कि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
विभागीय अधिकारी से लेकर आम जनता हैं खुश
चुनाव आयोग के इस सकारात्मक पहल से एक तरफ विभागीय अधिकारी काफी खुश हैं वहीं, दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने भी चुनाव आयोग को धन्यवाद दिया है. दुमका पेजयल स्वच्छता विभाग कार्यपालक अभियंता ने बताया चुनाव आयोग के आदेश मिलने के बाद हमलोगों ने जल्द से जल्द सारी प्रक्रिया पूरी कर लोगों को शीघ्र पानी पहुंचाने का निर्णय लिया है.
वहीं स्थानीय लोग भी इसे लेकर काफी खुश हैं, उन्होंने चुनाव आयोग के इस बेहतर कदम का स्वागत किया है. ग्रामीण इलाके में जलापूर्ति प्लांट ठप होने की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसके बाद इन प्लांटों के बन जाने से ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात मिलेगा.