दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका शहर के बीचोंबीच बक्शी बांध के इलाके में रहने वाले हजारों लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. इसकी वजह यह है कि यहां नगरपालिका द्वारा यहां कचरा डंप किया जाता है. कचरे का उड़ती डस्ट और उससे निकलने वाली दुर्गन्ध से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां आए दिन असामाजिक तत्वों द्वारा कचरे में आग लगा दी जाती है. इससे विषैला धुंआ आसपास के वातावरण को और प्रदूषित कर देता है.
नारकीय जीवन जीने को मजबूर दुमका के लोग, कचरे के बीच गुजार रहे जिंदगी
आज पूरे विश्व में करोना संक्रमण से लोग परेशान हैं. इससे बचने के लिए साफ-सफाई के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी जा रही है. लेकिन दुमका के हजारों लोगों की यह मजबूरी है कि वे साफ-सुथरा रह नहीं सकते, क्योंकि कचरे के बीच में ही वे जीने को मजबूर हैं.
नारकीय जीवन जीने को मजबूर दुमका के लोग
इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए हमें साफ-सफाई के बारे में बताया जा रहा है. लेकिन हम मजबूर हैं. हम कैसे अपने आप को साफ सुथरा रखें. कचरे की डस्ट दिनभर उड़ती है और हमारे घरों को गंदा करती है. इस संबंध में उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की तो उन्होंने भी माना कि उस इलाके के लोगों की समस्या विकराल है. उन्होंने आश्वासन दिया कि कोरोना क्राइसिस से उबरने के बाद इसकी पूरी व्यवस्था होगी.