दुमका:कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए झारखंड सरकार की तरफ से लगाया गया लॉकडाउन का दूसरा फेज गुरुवार से शुरू हो गया. एक तरफ कोरोना संक्रमण के चलते लोग घरों में बंद हैं. दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते लोगों को अपना पेट पालने पर आफत आने लगी है. लॉकडाउन के कारण सभी दुकानें बंद हैं और रोज कमाने-खाने वाले काफी परेशान हैं.
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लोगों का कहना है कि इसी तरह चलता रहा तो आजीविका कैसे चलेगी. मोबाइल विक्रेता हेमंत चौरसिया ने कहा कि हमारे प्रतिष्ठान पिछले एक हफ्ते से बंद हैं, अब लॉकडाउन एक हफ्ते और बढ़ गया, काम पूरी तरह से ठप है और कोई कमाई नहीं हो रही है. सबसे बड़ी परेशानी यह है कि दुकान में जो स्टाफ कार्यरत हैं उन्हें भी दिक्कत हो रही है. कमाई नहीं होगी तो स्टाफ को सैलरी कैसे देंगे. इसको लेकर सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.
लॉकडाउन के कारण भुखमरी की स्थिति
छोटे कारोबारी राजा ने कहा कि हमारे सामने तो भुखमरी की समस्या आ गई है, पहले स्टेशनरी की दुकान थी. अभी फेरी कर मास्क और सेनेटाइजर बेच रहे हैं. एक ऑटो ड्राइवर राज ने कहा कि लॉकडाउन के चलते लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं, सवारी नहीं मिल रही है तो कमाई कैसे होगी. अब सरकार से ही उम्मीद है कि कोई व्यवस्था होगी ताकि उनका पेट पल सके.