दुमकाः झारखंड सरकार अपने सरकारी कार्यालयों को पूरी तरह से आधुनिक बनाने में लगी है. इसकी शुरुआत दुमका के महुआडंगाल इलाके में सिंचाई विभाग के भवन से करनी चाहिए. क्योंकि यह सरकारी भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है. इसे दफ्तर कहने से काम नहीं चलेगा बल्कि इसे खंडहर कहना ज्यादा उचित होगा.
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दुमका के महुआडंगाल इलाके में सिंचाई विभाग का एक भवन है, इस बिल्डिंग की स्थिति जर्जर हो चुकी है. इसके पीलर, दीवारें, छज्जे और छत की स्थिति ऐसी है कि यह कभी-भी ढह सकती है. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इसमें एक दो नहीं बल्कि 6 अलग-अलग सरकारी विभाग के कार्यालय संचालित हो रहे हैं. ये छह विभाग हैं- विशेष भू अर्जन कार्यालय, जनपथ अंचल दुमका, ग्रामीण विकास प्रमंडल अधीक्षण अभियंता का कार्यालय, भूगर्भ जल संरक्षण कार्यालय, सिंचाई विभाग अग्रिम योजना कार्यालय और झालको कार्यालय. ये सभी इस खंडहरनुमा भवन में हैं.
इस भवन में संचालित छह विभागों के लगभग 60 कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. अब जाहिर है कि भवन का जब पीलर, दीवार और छत उखड़कर रोज गिर रहे हैं तो इन कर्मियों को जान का खतरा बना रहता है. वो कहते हैं कि यहां हमेशा ये डर बना रहता है कि पता नहीं कब यह भवन हम पर गिर जाए और हमारी जान चली जाए. वो सरकार और अपने विभाग से इस पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं. जिससे वो बिना किसी खौफ में काम कर सकें.
सिंचाई विभाग का भवन अत्यंत जर्जर हालत में है, लगभग रोज इस बिल्डिंग का कोई ना कोई हिस्सा टूटकर नीचे गिर रहा है. इस भवन में संचालित भूगर्भ जल संरक्षण विभाग के उपनिदेशक प्रेम कुमार हांसदा भी मानते हैं कि यहां काम करने का उचित माहौल नहीं है. यह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो गई है. उन्होंने बताया कि हमलोग अपने कार्यालय को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना पर काम कर रहे हैं. जिस भवन में सरकार के छह विभाग चल रहे हैं उसकी यह दुर्दशा समझ से परे है. सरकार और संबंधित विभाग को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए.