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दुमका सेंट्रल जेल के विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत, डायरिया और अन्य गंभीर बीमारी से था ग्रसित

फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान दुमका सेंट्रल जेल के एक विचाराधीन कैदी की मौत हो (Death Of Undertrial Prisoner Of Central Jail Dumka) गई है. विचाराधीन कैदी हत्या के मामले में जेल में बंद था.

Death Of Undertrial Prisoner Of Central Jail Dumka
Central Jail Dumka

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Published : Jan 2, 2023, 4:04 PM IST

दुमकाः दुमका के केंद्रीय कारा में बंद एक विचाराधीन बंदी की सोमवार को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो (Death Of Undertrial Prisoner Of Central Jail Dumka) गई है. विचाराधीन कैदी प्रधान मुर्मू (51) दुमका के केंद्रीय कारा में पिछले दो साल से बंद था. विचाराधीन बंदी प्रधान मुर्मू गोपीकांदर थाना क्षेत्र का रहने वाला था और उस पर हत्या का मामला चल रहा था.

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तीन फरवरी 2022 से था जेल में बंदःप्रधान मुर्मू तीन फरवरी 2020 से केंद्रीय कारा में बंद था. जानकारी के मुताबिक दो माह पूर्व 27 नवंबर 2022 को उसे डायरिया और अन्य बीमारी को लेकर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह तभी से अस्पताल में इलाजरत था. सोमवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो (Prisoner Died During Treatment at PJMCH Dumka) गई. प्रधान मुर्मू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

तीन साल पहले भी हुई थी दुमका में विचाराधीन कैदी की मौतः गौरतलब हो कि दुमका के केंद्रीय कारा के एक विचाराधीन कैदी की में तीन साल पहले भी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया था. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और जेल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाया था. उक्त मामले में परिजनों का आरोप था कि समय रहते इलाज नहीं कराया गया इस कारण बंदी संतोष की मौत हुई है. दरअसल दुमका केंद्रीय कारागार में बंद संतोष मेहरिया बिहार के बांका जिला का रहने वाला था. पुलिस ने उसे अवैध लकड़ी के साथ गिरफ्तार किया था.

विचाराधीन कैदी संतोष बीपी और शुगर का मरीज थाः गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था. जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई थी. इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. बताया जाता है कि संतोष बीपी और शुगर का मरीज था. मामले में परिजनों ने चिकित्सक पर भी इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था.परिजनों ने विरोध में सड़क जाम कर दिया था.मृतक के परिजन का आरोप था कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद कोई चिकित्सक उसे देखने तक नहीं आया.हालात बिगड़ने पर रेफर भी नहीं किया गया.

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