दुमका:केद्र और राज्य सरकार अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए पहल कर रही है. इसके लिए कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रही है. ऐसा ही प्रयास दुमका में 7 साल पहले किया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सितंबर 2014 में दुमका में एक खादी पार्क का शिलान्यास किया था. शिलान्यास के समय खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन जयनन्दू मौजूद थे, लेकिन आज तक खादी पार्क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.
प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ना मकसद
खादी पार्क का उद्देश्य लोगों को खादी वस्त्र और हस्तशिल्प बनाने का ट्रेनिंग देना था, साथ ही साथ कच्चा माल और पूंजी उपलब्ध कराते हुए उस क्षेत्र में रोजगार की व्यवस्था करना था. इसके साथ ही इस पार्क में खादी वस्त्रों और हस्तशिल्प का आउटलेट भी खोला जाना था, जहां लोग इन सब सामानों की खरीददारी कर सके.
2018 में फिर से हुआ शिलान्यास और भूमि पूजन
2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शिलान्यास के बाद 2018 तक इस खाली पार्क में एक ईंट भी नहीं जोड़ी गई, तो अक्टूबर 2018 में रघुवर सरकार की कल्याण मंत्री रही डॉ लुईस मरांडी ने इसका फिर से शिलान्यास और भूमि पूजन किया. उस वक्त उनके साथ खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन के तौर पर संजय सेठ भी मौजूद थे. पार्क के काम का जिम्मा बीएसएनएल के कंस्ट्रक्शन विंग को दिया गया था. अक्टूबर 2018 से फरवरी 2021 आ चुका है, लेकिन अभी इसका काम पूरा नहीं हुआ. हालांकि निर्माण कार्य चल रहा है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
दुमका के दुधानी इलाके में बनने वाले इस खादी पार्क के निर्माण को लेकर स्थानीय पंचायत समिति सदस्य विनोद शाश्वत कहते हैं कि यह काफी महत्वाकांक्षी योजना थी, काफी लोगों को इससे रोजगार मिलने की उम्मीदो थी, लेकिन 7 साल में भी यह पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने सरकार से जल्द खादी पार्क का निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग की है.
इसे भी पढे़ं: मोतिहारा नदी पर बना पुल खस्ताहाल, लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को हैं मजबूर
क्या कहती हैं उपायुक्त
दुमका में 7 सालों में भी खादी पार्क का निर्माण पूर्ण नहीं होने के मामले में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की तो उन्होंने बताया कि बीएसएनएल के ओर से इसका निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो जल्द से पूरा किया जाएगा.