धनबाद: परीक्षा के समय बच्चे काफी तनाव में होते हैं और इस तनाव से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, इन सभी विषयों पर धनबाद से हमारे संवाददाता ने मनोचिकित्सक से बातचीत की और उनसे बच्चों को तनाव से कैसे मुक्त रखा इस विषय पर उनसे बातचीत की गई.
देखें मनोचिकित्सक की सलाह शहर के जाने-माने मनोचिकित्सक बीके सिंह का कहना है कि परीक्षा के समय बच्चे ज्यादा देर तक रात में पढ़ते हैं, जिस कारण से नींद पूरी नहीं हो पाती है. साथ ही साथ रात में जागने से भूख लगना भी कम हो जाता है. जिस कारण वे ढंग से खा-पी भी नहीं पाते हैं. यही कारण है कि उनके शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है. कभी-कभार अभिभावक ही अपने बच्चों पर ज्यादा प्रेशर डालते हैं और दूसरों बच्चों से उसकी तुलना अभिभावक करने लगते हैं, जिस कारण बच्चे तनाव में आ जाते हैं.चिकित्सक का कहना है कि बच्चों को परीक्षा के समय तनाव न देकर उन्हें फ्री छोड़ना चाहिए, ऐसे में बच्चे एकाग्र मन से अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे. बच्चों को भी चिकित्सक ने सलाह दी है कि वह ज्यादा देर रात तक पढ़ाई न करें समय पर सो जाएं फिर सुबह उठकर छात्र योगा करने का प्रयास करें, जिससे मन शांत रहता है.
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साथ ही साथ पोस्टिक आहार लेने की भी बात चिकित्सक ने बच्चों को कही है. चिकित्सक का कहना है कि अभिभावक को भी अपने बच्चों पर ज्यादा प्रेशर नहीं डालना चाहिए और दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना नहीं करना चाहिए. इससे बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
मनोचिकित्सक का कहना है कि बहुत ज्यादा जरूरी न हो तो बच्चों को डॉक्टर के पास भी नहीं ले जाना चाहिए, लेकिन अगर शरीर में कंपन, चिड़चिड़ापन, पसीना आना इस तरह की समस्या उत्पन्न हो तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.