धनबादः जिला के 25 नर्सिंग होम संचालकों ने अपने क्लीनिक में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब मरीजों का इलाज बंद कर देने की घोषणा की है. निजी क्लीनिक संचालकों ने एक प्रेस वार्ता कर बताया कि वो लोग सरकार के आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब मरीजों का बड़ी बीमारी में इलाज किया करते थे. लेकिन पिछले कई माह से इलाज कराए गए मरीजों का भुगतान सरकार ने नहीं किया है. जिसकी वजह से वो लोग चिकित्सक, पैथोलैब, दवा का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में आयुष्मान भारत योजना का संचालन करना जिला में संभव नहीं है.
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धनबाद में निजी नर्सिंग होम संचालकों ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों का भुगतान राज्य सरकार कर रही है, जो कई माह से बकाया है. इस संबंध में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा है लेकिन उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिसकी वजह से वो लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सार्वजनिक रूप से यह बताने को बाध्य हो गए हैं कि अब आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला में अधिकृत 25 क्लीनिक इलाज बंद कर रहे हैं.
जानकारी देते निजी नर्सिंग होम संचालक
आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की स्वास्थ्य योजना है. जिसे अप्रैल 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था. 2018 के बजट सत्र में तत्कालीन वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों यानी बीपीएल धारक को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है. इसके अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक की कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा. 10 करोड़ बीपीएल धारक परिवार जिसमें लगभग 50 करोड़ लोग इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ उठा रहे थे.