धनबाद: कोयलांचल धनबाद के लोगों ने 2020 को कई मायनों में अच्छा कहा है तो कई मायनों में बुरा भी कहा. लोगों ने कहा कि प्रकृति के साथ छेड़छाड़ कभी भी प्रकृति बर्दाश्त नहीं करती है. इस कारण महामारी आई और लोगों को कई सीख दे गई. उन्होंने कहा आविष्कार विनाश की जननी है आविष्कार उतना ही होना चाहिए जितना की मानव जाति उसे संभाल सके.
साल 2020ः धनबद के लोगों का अनुभव ईटीवी भारत पर साझा किया अनुभवईटीवी भारत से बात करते हुए लोगों ने कहा कि साल 2020 विश्व के लिए अच्छा नहीं रहा. कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को ठहरा दिया था. लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. जो जहां थे वहीं फंस गए और अपने घर आने के लिए उन्होंने तरह-तरह के प्रयत्न किए और काफी यातनाएं भी झेलनी पड़ी. लोगों का रोजगार चला गया जिसका दंश लोग आज भी झेल रहे हैं. कई लोगों की मौत इस महामारी के कारण हुई है कई परिवार उजड़ गया है. बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हुई.
कोरोना ने दी कई सीख लोगों ने कई मायनों में 2020 को अच्छा भी कहा लोगों ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लोग ज्यादातर अपने घरों में अपने परिवार के बीच रहे. कोरोना ने बहुत सारा चीज सिखाया है जैसे बागवानी करना खाना पकाना. लोगों ने कहा कि अभूतपूर्व परिवर्तन कोरोना काल में पर्यावरण को लेकर देखने को मिला पर्यावरण बिल्कुल स्वच्छ हो गया था. लोगों ने कहा कि अब फिर से पर्यावरण दूषित होने लगा है.
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प्रकृति से छेड़छाड़ ना हो
लोगों ने कहा कि आविष्कार ही विनाश की जननी है ऐसे ऐसे आविष्कार किए गए हैं जिनका परिणाम बहुत ही घातक है और विश्व विनाशक है. लोग हमेशा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हैं जिस कारण लगभग 100 सालों में एक बार महामारी के रूप में प्रकृति अपने को बैलेंस करती है. उन्होंने कहा कि आविष्कार उतना ही होना चाहिए जितना आवश्यक हो और मानव जाति के भलाई के लिए हो.
धनबाद की आम जनता की राय में 2020 की यादें कुछ खट्टी कुछ मीठी रही. ज्यादातर लोग परेशानियों से घिरे रहे. लोगों ने कहा कि 2021 में कोरोना काल खत्म हो जाए कोई बीमारी ना हो और लोग पहले की तरह अपनी जिंदगी जीने लगे, यही कामना है.