धनबादः गैंग्स ऑफ वासेपुर का नाम सुनते ही जेहन में गोली और बारूद की तश्वीर उभरती है. लेकिन अब वह तश्वीर बदल रहा है. वासेपुर में अब अच्छी पहल की जा रही है. इसको लेकर तंजलिम अहले सुन्नत ने मुहिम शुरू किया है, जो समाज के हर तबके के लिए आने वाले दिनों में मिसाल बनेगा.
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इस संगठन ने शादी समारोह में होने वाले फिजूल खर्च को बंद करने के साथ साथ बेटियों की पढ़ाई में खर्च करने की अपील की है, ताकि बच्चियों की बेहतर भविष्य सुनिश्चित की जा सके. इस संगठन ने निर्णय लिया है कि जिन शादी समारोह में डीजे,पटाखा, बैंड बाजा, और नाच गाना होगा, उस शादी में निकाह पढ़ने की रस्म नहीं पूरी की जाएगी. इसको लेकर वासेपुर के बायपास रोड स्थित ताज प्लैश में तंजलिम अहले सुन्नत की बैठक (Meeting of Tanjalim Ahle Sunnat in Dhanbad) आयोजित की गई. इस बैठक में 58 मुस्लिम संगठनों के सदर, सेक्रेटरी, दानिशवरान ए मिल्लत और उलेमा शामिल हुए.
इस बैठक में सर्व सहमति से निर्णय लिया गया कि समाज में फैल रही बुराइयां और शादी विवाह ज्यादा खर्च को रोकना है. शादी समारोह में डीजे, पटाखा, नाच गाना आदि पर पाबंदी रहेगी. अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो कोई भी काजी और इमाम उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही संगठन का कोई सदस्य उस निकाह में शामिल होंगे.
तंजीम के सचिव मौलाना आबिद रजा कादरी ने बताया कि यह निर्णय सब की सम्मति से ली गई है. बैठक में शामिल मुफ्ती मोहम्मद रिजवान अहमद ने शिक्षा पर जोर देते हुए मुसलमानों से अपील की है कि विवाह समारोह में फिजूलखर्ची ना करें. फिजूलखर्ची पर होने वाले खर्च को बच्चियों की उच्च शिक्षा पर खर्च करें. उन्होंने कहा कि 55 पंचायतों में यह फरमान सुनाया गया है.