धनबाद: उपायुक्त उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट धनबाद के न्यास परिषद की बैठक न्यू टाउन हॉल में संपन्न हुई. बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि बैठक का उद्देश्य सभी माननीय जनप्रतिनिधि को डीएमएफटी से संबंधित प्रशिक्षण देना, वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक कार्य योजना की रूपरेखा के संबंध में विचार विमर्श करना और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराना है.
इसे भी पढ़ें-शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए RMC करेगी पहल, नगर परिषद की बैठक में लाए जाएंगे कई अहम प्रस्ताव
जनप्रतिनिधियों की सहभागिता आवश्यक
उपायुक्त ने बताया कि जिला प्रशासन की यह सोच रहती है कि कार्य योजना बनाने में सभी माननीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता हो, जिससे की जनकल्याण के लिए सुदृढ़ योजनाएं धरातल पर क्रियान्वित हो सके. हम सभी का यह सौभाग्य है कि जिले में डीएमएफटी फंड में अच्छी राशि हमेशा उपलब्ध रहती है. वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई में डीएमएफटी की राशि का उपयोग किया गया.
260 विद्यालय और 11 स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित करने की योजना
डीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में 4500 विद्यालयों को लीडर स्कूल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. इसी कड़ी में जिले में भी लगभग 260 विद्यालयों का चयन किया गया है. इसके साथ ही 11 स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित करने का भी निर्णय लिया गया है. पूर्व में डीएमएफटी फंड से पेयजल के लिए राशि खर्च की जाती थी, वर्तमान में अन्य योजनाओं पर कार्य किया जाएगा. जिले में आधारभूत संरचनाओं जैसे- रोड, पुल-पुलिया, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, प्रदूषण और कुपोषण मुक्ति इत्यादि से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता में रखकर कार्य किया जाएगा. सभी योजनाओं को सर्वप्रथम ग्राम सभा और वार्ड सभा से पारित किया जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बिना ग्रामसभा से पारित किसी भी योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जाएगा.
गुणवत्ता से नहीं किया जाएगा समझौता
डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन का यह संकल्प है कि किसी भी कीमत पर योजना के कार्यान्वयन में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. बैठक के दौरान उन्होंने सभी माननीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अगले 10 दिनों में प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य योजना तैयार की जाए और ऐसी योजनाओं का चयन हो जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सके.