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सस्ते सामान के चक्कर में पांडेयजी ने गंवाई गांठ की रकम, खाकी वर्दी जैसे ड्रेस वाले ने लगाया चूना - crime news giridih

ठग नई नई तरकीबों से लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने में जुटे हैं. बगोदर में खाकी वर्दी जैसी ड्रेस पहने व्यक्ति ने एक शख्स को सस्ता सामान बेचने का झांसा देकर ठग लिया.

fraudulence incident Giridih
ठगी के शिकार ने बताई स्टोरी

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Published : Aug 14, 2022, 9:20 AM IST

गिरिडीह: बगोदर में पुलिसकर्मी बताकर एक परिवार से 12 हजार रुपये ठग लिए गए. चालबाज ने सस्ता सामान बेचने का झांसा देकर पीड़ित को ठगी का शिकार बनाया. ठगी की घटना के बाद पीड़ित परिवार ने घटना की लिखित सूचना पुलिस को दी है.

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ठगी के शिकार बिष्णुगढ़ प्रखंड के बरांय निवासी महेश पांडेय ने बताया कि वे बगोदर में सरकारी पशु डाक्टर के साथ प्राइवेट में सहयोग का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल के बाहर वे कुर्सी पर बैठे हुए थे. इसी बीच एक अधेड़ व्यक्ति कुछ दूरी पर रूक गया. वह व्यक्ति मोबाइल का स्पीकर ऑन कर किसी से बात कर रहा था कि उसका ट्रांसफर बहुत दूर हो गया है. उसने अपने लिए महंगे पलंग, इनवर्टर आदि खरीदारी की है, लेकिन वे उसे साथ नहीं ले जा सकेंगे. ऐसे में सामानों को बेचना है.

पीड़ित का आरोप है कि वह खाकी रंग का पैंट, जूता पहने था और रिवाल्वर लटकाए हुए था. इस पर उस शख्स ने महेश से कहा कि आप तो बगल का रहने वाले हैं. उसने अपना परिचय देते हुए कहा कि मेरा नाम कपिल कुमार है और मैं भागलपुर का रहने वाला हूं. मैं अभी बगोदर थाना में पोस्टेड था लेकिन मेरा ट्रांसफर हो गया और सामान बेचवाने का आग्रह करने लगा.

महेश पांडेय ने बताई पूरी स्टोरी

पीड़ित ने सामान की कीमत पूछा तो ठग ने कहा कि सामान की कीमत तो 85 हजार से कम नहीं है लेकिन आप करीब 50 हजार देकर सामान रख लें. उन्होंने जब असमर्थता जताई तब ठग ने कहा कि अभी आप 20- 25 हजार भी देकर सामान रख सकते हैं.

पीड़ित का कहना है कि इस पर वह झांसे में आ गए और उन्होंने बाजार में अपने परिचितों से 12 हजार रुपये उधार लिए और ठग को दे दिए. आरोप है कि इसके बाद ठग ने कहा कि पांडेयजी आपको चलने- फिरने में परेशानी हो रही है आप यहीं रहिए लड़के को साथ भेज दीजिए, थोड़ी दूरी पर ट्रक खड़ा है और उसमें सामान लोड है, यहां उतरवा देते हैं.

इसके बाद महेश पांडेय अपने भतीजे सूरज पांडेय को बाइक से उसके साथ भेजने लगे. फिर ठग ने कहा कि बाइक की जरूरत नहीं है, हम दोनों पैदल ही चले जाएंगे. इसके बाद दोनों सौ कदम आगे बढ़े थे कि ठग के मोबाइल पर किसी का फोन आया. इस पर उसने सूरज से कहा कि तुम बाइक लेकर आ जाओ, अभी जरूरी काम से थाने जाना है. सूरज बाइक लेकर पहुंचा तो ठग फरार हो चुका था.

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