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गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना पर कोल इंडिया तकनीकि निदेशक ने साधी चुप्पी, BCCL के कम्युनिटी हॉल पहुंचे थे विनय दयाल

धनबाद के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल के कम्युनिटी हॉल में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और इंडियन माइंस मैनेजर एसोसिएशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में शनिवार को यानी दूसरे दिन कोल इंडिया के डायरेक्टर टेक्निकल विनय दयाल शामिल हुए. जहां उनसे गोड्डा-पीरपैंती रेल परियोजना और मेहरमा कोल ब्लॉक के संबंध में सवाल किए गए, जिस पर उन्होंने कुछ बोलने से इनकार कर दिया.

Director of Coal India technical silence on Godda-Pirpainti rail project
बीसीसीएल के कम्युनिटी हॉल में उपस्थित

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Published : Jan 12, 2020, 5:07 AM IST

धनबाद:जिला के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल के कम्युनिटी हॉल में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और इंडियन माइंस मैनेजर एसोसिएशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में शनिवार को यानी दूसरे दिन कोल इंडिया के डायरेक्टर टेक्निकल विनय दयाल शामिल हुए. खनन क्षेत्र में चुनौती और अवसर पर उन्होंने अपना व्यख्यान सेमिनार में दिया.

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वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान कोल इंडिया के डिटी विनय दयाल ने कहा कि चाइना पहले स्थान पर है, जबकि भारत का उत्पादन में दूसरा स्थान है. आने वाले समय मे कोल इंडिया देश हित में एक बड़ी भागीदारी रहेगी. कोल इंडिया डायरेक्टर टेक्निकल होने के साथ झरिया मास्टर प्लान के मेंबर भी है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर सचेत है, आगे इसमें एक बैठक रखी गई है. कोई भी फैसला सभी की सहमति से ली जाएगी.

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हमारे देश में कोयला एक मात्र ऊर्जा का स्रोत
पर्यावरण को लेकर भी कोल इंडिया बेहद गंभीर है. कोयला खनन करने के लिए पर्यावरण की रक्षा सतत जरूरी है. इंग्लैंड समेत अन्य देशों में कोयले की खनन में कमी आई है. अमेरिका गैस पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है. ग्रीन हाउस कमिटमेंट के कारण कोयले की तरफ लोगों का झुकाव पहले से कम होते जा रहा है. भारत की अपेक्षा, लेकिन हमारे देश में ऊर्जा की एक बड़ी जरूरत है. विकसित देश होने पर ऊर्जा की खपत रहेगी, कोयला हमारे देश का एक मात्र ऊर्जा का स्रोत है.

विनय दयाल से गोड्डा-पीरपैंती-जसीडीह रेल परियोजना और मेहरमा कोल ब्लॉक के संबंध में बात करने पर इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया है, हालांकि पिछले दिनों गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे से डिटी की इस मसले पर चर्चा भी हुई थी. लेकिन मीडिया के सामने उन बातों को खोलना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा.

बता दें कि मेहरमा में कोल ब्लॉक निकल जाने के कारण गोड्डा-पीरपैंती-जसीडीह रेल परियोजना पर ग्रहण लग गया था. इस परियोजना पर कोल ब्लॉक का हवाला देकर तत्कालीन राज्य सरकार ने सितंबर 2019 में परियोजना को स्थगित कर दिया था. इसे लेकर ग्रामीणों में भारी विरोध हुआ था.

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