झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

धनबाद: लॉकडाउन में मजदूरों की परेशानियां कम नहीं हो रहीं, लगातार पैदल घर जाने को हैं मजबूर

कहने को लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कई राज्यों में स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं लेकिन इसके बाद भी मजदूर पैदल या साइकिल से अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं. जिले के जीटी रोड इलाके में लगातार दिख रहा है. कहीं-कहीं पुलिस गाड़ियों में बैठा देती है फिर गाड़ी से उतरने के बाद दूसरी गाड़ी की आशा में पैदल ही चल पड़ते हैं.

लॉकडाउन में मजदूर परेशान.
लॉकडाउन में मजदूर परेशान

By

Published : May 8, 2020, 11:36 AM IST

Updated : May 8, 2020, 12:42 PM IST

धनबाद: लॉकडाउन के कारण सिर्फ भारतवर्ष में नहीं बल्कि विश्व में कोहराम मचा हुआ है. लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सोशल डिस्टेंसिंग के द्वारा ही इस संक्रमण को रोका जा सकता है.

लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्गों को उठानी पड़ी है. यह नजारा जिले के जीटी रोड इलाके में लगातार दिख रहा है. कोयलांचल धनबाद के जीटी रोड इलाके में लगातार मजदूर पैदल ही अपने घर जाते हुए दिख रहे हैं.

लॉकडाउन में मजदूर परेशान.

ताजा मामला बीती रात्रि का है जहां पर बंगाल में काम कर रहे मजदूर बंगाल से यूपी और बिहार पैदल ही अपने घर निकल पड़े. बता दें कि अचानक हुए लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों के मजदूर जो दूसरे राज्य में काम के सिलसिले में गए हुए थे वहां पर फंस गए.

लॉकडाउन के अब लगभग 50 दिन हो चले हैं ऐसे में मजदूरों काफी परेशान हैं और अब जैसे-तैसे वह अपने घर जाना चाहते हैं. हालांकि अब इस दिशा में सरकार भी पहल कर रही है और सरकारी मदद के द्वारा भी कई राज्यों से स्पेशल ट्रेनें भी आ रही है, लेकिन फिर भी कुछ मजदूर ऐसे हैं जो पैदल ही अपने घर जाने को मजबूर है.

पश्चिम बंगाल में कार्यरत यूपी के 3 और बिहार के 6 मजदूर बीती रात्रि जीटी रोड इलाके में बंगाल से पैदल आते हुए दिखे जहां पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे कम्युनिटी किचन में उन्हें खाना खिलाया गया और फिर उन्हें पैदल ही अपने घर जाने को कह दिया गया.

कहीं-कहीं पुलिस इन्हें किसी गाड़ियों में बैठा देती है फिर गाड़ी से उतरने के बाद दूसरी गाड़ी की आशा में पैदल ही चल पड़ते हैं. ऐसे में इन मजदूरों की स्थिति क्या है यह समझने वाली बात है.

नहीं मिल रही मदद

मजदूरों ने कहा कुछ दिनों तक जहां काम कर रहे थे वहां सब कुछ ठीक-ठाक रहा परंतु कोई भी कितना दिन मदद करेगा अब मदद भी नहीं मिल पा रही थी.

पहले तो पश्चिम बंगाल सरकार ने किसी को भी अपने यहां आने-जाने नहीं दिया चाहे वह मजबूर हो या फिर अन्य लोग. पश्चिम बंगाल के निवासी जो धनबाद में क्वॉरेंटाइन में थे और इन लोगों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद बंगाल सरकार ने अपने ही लोगों को धनबाद बॉर्डर से वापस करा दिया था, लेकिन अब झारखंड सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार की बातचीत के बाद बॉर्डर को खोल दिया गया है.

ऐसी उम्मीद है कि कुछ दिनों में वहां से भी स्पेशल ट्रेन चलाकर इन मजदूरों और अन्य वैसे लोग जो वहां पर फंसे हुए हैं उन्हें वापस लाए जाने की दिशा में कोई सकारात्मक पहल होगी.

कोरोना वायरस के कहर के कारण सबसे ज्यादा परेशानी देश के विभिन्न इलाकों में रह रहे मजदूर वर्गों को उठानी पड़ी है. धनबाद जिले में भी लगातार पैदल और साइकिल से मजदूर अपने घरों को जाने को मजबूर हैं. बीती रात्रि 25 मजदूरों को साइकिल से अपने घर जाने के दौरान जांच के लिए धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर रोका गया.

यह भी पढ़ेंःलॉकडाउन की शुरुआत से लेकर अब तक 4.42 करोड़ का ट्रैफिक जुर्माना

बता दें कि झारखंड के साहिबगंज से 17 मजदूर साइकिल से पश्चिम बंगाल के माल्दा जा रहे थे जिन्हें जांच के लिए रणधीर वर्मा चौक पर धनबाद पुलिस ने रोका और उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया.

साइकिल से हो रहे रवाना

वहीं, दूसरी तरफ साइकिल से 8 मजदूर रांची से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जा रहे थे उन्हें भी जांच के लिए वहीं पर रोका गया और उन्हें भी सदर अस्पताल में जांच के लिए भेजा गया. इन्होंने अपने जमा किए गए रुपए से घर जाने के लिए 4,000 देकर नई साइकिल भी खरीदी है, ताकि वह अपने घर जा सकें.

कोयलांचल में लगातार इस तरह के कई मजदूर हैं जो जीटी रोड के रास्ते पैदल ही बंगाल, बिहार और यूपी की तरफ आते जाते दिख रहे हैं. मजदूरों ने बताया कि अब लॉकडाउन कब खत्म होगा यह कहा नहीं जा सकता.

ऐसी स्थिति में भारी परेशानियों के बीच में वह अपने घर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं.जहां-तहां धनबाद पुलिस के द्वारा चल रहे कम्युनिटी किचन में उन्हें खाना मिल जाता है और फिर वह खाना खाकर अपने मंजिल की ओर पैदल ही निकल पड़ते हैं.

Last Updated : May 8, 2020, 12:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details