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जीटी रोड सिक्स लेनिंग कार्य में लगी कंपनी के मजदूरों ने किया प्रदर्शन, न्यूनतम मजदूरी की मांग

धनबाद में कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे मजदूरों ने कंपनी द्वारा उचित मजदूरी न देने पर विरोध- प्रदर्शन किया (Construction Company Workers Protest in Dhanbad). साथ ही मजदूरों की कई अन्य भी मांगें थीं. इस पर कंपनी के अधिकारी ने कहा कि मजदूरों की सभी मांग मान ली गई है.

Workers Protest in Dhanbad
धनबाद में मजदूरों का विरोध-प्रदर्शन

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Published : Dec 28, 2022, 12:08 PM IST

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धनबाद: NH- 19,जीटी रोड 6 लेनिंग कार्य में लगी कंपनी के ऑफिस में वहां पर कार्यरत मजदूरों ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया. कार्य कर रहे कंपनी स्काईलार्क के अधिकारियों पर मजदूरों और स्किल्ड ऑपरेटरों ने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंड से कम वेतन देने का आरोप लगाया. प्रोजेक्ट कार्यालय के समीप हड़ताल कर आंदोलन (Construction Company Workers Protest in Dhanbad) किया. जिसके बाद कई स्थानीय जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों से जुड़े स्थानीय नेता वहां पहुंचे और मजदूरों और प्रबंधन के बीच वार्ता कराई.

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मांग को लेकर मजदूर धरने पर:कंपनी में कार्य कर रहे मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दे रही है. ना ही पीएफ और ना ही ईएसआई का पैसा काट रही है. जबकि यह कंपनी केंद्र सरकार का ही कार्य कर रही है. साथ ही साथ मजदूरों ने कहा कि 75% स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात भी कही गई थी. लेकिन मजदूरों को अब यहां से दूसरे जगह स्थानांतरित किया जा रहा है. जिसका मजदूर विरोध कर रहे थे. सभी मजदूर बरवाअड्डा स्थित ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर धरने पर बैठ गए. जिसके बाद कंपनी के लोगों ने बरवाअड्डा थाने को इसकी सूचना दी. सूचना पर दल बल के साथ बरवाअड्डा थाना प्रभारी विक्रम कुमार सिंह भी पहुंचे. फिर स्थानीय जनप्रतिनिधि, पुलिस, मजदूर और कंपनी के लोगों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ, जिसके बाद सहमति बन गई.

कंपनी ने मांगी मजदूरों की मांग: मीडिया से बात करते हुए कंपनी के अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी और पीएफ, ईएसआई सब का पैसा भी काटा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 8 घंटे की जगह मजदूरों से उनकी मर्जी के अनुसार 9 से 10 घंटे तक काम लिया जाएगा. दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाने पर उन्होंने बताया कि सप्ताह भर के लिए मजदूरों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा. फिर दूसरे सप्ताह वहां से इनको बुलाकर दूसरे लोगों को भेजा जाएगा. जिसे मजदूरों ने मान लिया है.

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