धनबादः सीएसआईआर सिंफर देश के प्रमुख शोध संस्थानों में एक है. इस संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट को सेवानिवृत होने से एक दिन पहले निलबंन की कार्रवाई की गई है. सिंफर में यह पहली कार्रवाई है, जब किसी सीनियर साइंटिस्ट डॉ पीके सिंह (Senior Scientist Dr PK Singh) को सेवानिवृत्त होने से एक दिन पहले निलंबित किया गया हो.
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सिंफर के पदाधिकारी राहुल कुमार ने ईटीवी भारत से फोन पर बताया कि सीनियर साइंटिस्ट डॉ पीके सिंह को निलंबित किया गया है. लेकिन निलंबन की प्रकिया की मुख्य वजह क्या है, इसकी जानकारी नहीं है. वहीं, बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रमेश राही ने डॉ पीके सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई से खुश हैं. रमेश राही ने कहा कि डॉ पीके सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगया था और साक्ष्य के साथ विभाग और पीएमओ कार्यालय तक शिकायत की थी. शिकायत के बाद जांच में जो तथ्य सामने आये है, उसके आधार पर कार्रवाई की गई है.
रमेश रही ने कहा कि डॉ पीके सिंह सिंफर के डायरेक्टर पद पर भी कार्यरत थे, तब भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे. उन्होंने कहा कि डॉ सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है, तभी विभाग ने निलंबित किया है. क्योंकि उनके रिटायर्ड होने के ठीक एक दिन पहले निलंबन की कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विभाग ने एक पत्र जारी किया था. इस पत्रमें कहा गया था कि पीके सिंह के कार्यकाल में मानदेय के भुगतान में अनियमितता बरती गई है, जिसे वापस किया जाए. हालांकि, विभाग ने उस आदेश को फिर वापस ले लिया.
रमेश राही ने कहा कि डॉ पीके सिंह से जुड़ी भ्रष्टाचार की शिकायत विभाग, मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय से की थी. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि मानदेय भुगतान के अलावे नियुक्ति को लेकर भी शिकायत की गई थी. मानदेय भुगतान में 500 लोगों को लाभान्वित किया. उन्होंने कहा कि पीके सिंह के कार्यकाल में कोई भी रिसर्च का काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पीके सिंह के कार्यकाल में अनियमति तरीके से 200 से अधिक नियुक्तियां की गई.