धनबाद: झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat elections) के प्रत्याशी अपने-अपने पद के लिए नामंकन कर रहे हैं. इसी क्रम में धनबाद एसडीएम कार्यालय में नामांकन के लिए पहुंचे पंचायत समिति प्रत्याशी अपना पर्चा दाखिल कर रहे हैं. तपती तेज धूप में भी प्रत्याशियों के उत्साह में कमी नहीं है. चुनाव के लिए महिला उम्मीदवार भी अपनी उम्मीदवारी पेश कर रही हैं. इस दौरान पंचायत समिति सदस्य मो. इजराफिल उर्फ लाला खान ने इस बार अपने समर्थकों के साथ अपनी पत्नी शहनवाज बेगम का नाम पंचायत समिति सदस्य के लिए नॉमिनेट करवाया है.
पत्नी का नामांकन कराने समर्थकों के साथ पहुंचे लाला खान, कहा- जनता का है साथ तो किस बात का डर
झारखंड में पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं. धनबाद एसडीएम कार्यालय में भी काफी गहमागहमी है. वहीं पूर्व पंचायत समिति सदस्य लाला खान अपनी पत्नी का नामांकन कराने पहुंचे. उन्होंने कहा कि जब जनता साथ हो तो वो किसी प्रिंस से नहीं डरते
इसे भी पढ़ें:हजारीबाग में पंचायत चुनाव में उम्मीदवार तय करने का अनोखा तरीका, जानिए क्या है वह
लाला खान को प्रिंस खान ने दी थी धमकी: मालूम हो, लाला खान वही है जिसे गैंग्स्टर प्रिंस खान ने जान से मारने की धमकी दी थी. इससे पहले लाला खान ईस्ट बसूरिया मोहलीडीह पंचायत से समिति सदस्य रहे हैं लेकिन, इस बार महिला सीट होने के कारण लाला खान ने अपनी पत्नी शाहनवाज बेगम को वहां से पर्ची भरवाया है. मोहलीडीह पंचायत के पंचायत समिति सदस्य के लिये नामांकन करने वाली शहनवाज बेगम ने कहा कि दो बार उनके पति लाला खान पंचायत समिति सदस्य थे. इस बार वह चुनाव लड़ रही है, सभी का साथ मिल रहा है. वहीं, लाला खान ने प्रिंस खान की धमकी के बारे में कहा कि अब डर कर नहीं रहेंगे. सभी लोग उनके साथ हैं. आम जनता का आशीर्वाद है. ऐसे एक प्रिंस क्या कई आ जाये डरने वाले नहीं हैं.
गोद में मासूस बच्ची लेकर नामांकन कराने पहुंची महिला प्रत्याशी: छोटानगरी पंचायत के लिये पंचायत समिति सदस्य शिल्पा दत्ता भी अपनी मासूम बच्ची को गोद में लेकर नामांकन दाखिल करने पहुंची. चिलचिलाती धूप में भी महिला प्रत्याशी का उत्साह कम नहीं रहा. छोटानगरी पंचायत से उम्मीदवार शिल्पा दत्ता ने कहा कि हर जगह पुरुष को देख रहे थे. अब उन्हें भी चुनाव लड़ने का मन किया. महिलाओं के लिये कुछ करने की इच्छा है. अपनी छोटी बेटी को अभी से बताएंगे कि अधिकार के लिये आगे बढ़ना पड़ता है.